ब्यूरो श्रीनगर: देवेन्द्र गौड़
दूर देशों में रहते हुऐ भी आक्रशित करती है गढ़ संस्कृति।
श्रीनगर: उत्तराखंड की संस्कृति,संस्कार परंपरायें देश ही नही पश्चिमी देश ही नही पूरा विश्व के आक्रषण का केन्द्र बन गया है इसलिए हमारी संस्कृति, रितिवाजों को हर कोई अपनाकर उसकी लोक संस्कृति के रंग मे सराबोर होना चाहता है दूर देशों तक इसे पहुंचाने मे जितना हाथ शोशल मीडिया का उससे कही जादा हमारे उत्तराखंडीयों विदेशों में रहकर अपनी इस धरोहर को अपनाकर सबको आक्रशित किया है। इन्हीं में से घनसाली वासी रोशनलाल आर्या जो वर्तमान मे ब्रिटेन देश के लंदन में हैं उनके संरक्षण में बना उत्तराखंडीयों का ग्रुप अपनी लोक संस्कृति के हर बार त्यौहार रीतिरिवाजों को बड़े ही हर्षोउल्लास से मनाते आरहे हैं। जिसमें नन्दादेवी ,राजजात,घण्डियाल, डोली, जागर एवं तमाम् झांकियां, नृत्यों को प्रमुखताकरते एवं मनाते आरहे हैं। इसके साथ ही उत्तराखण्ड गढवाल क्षेत्र के प्रमुख वाद्ययंत्रों (ढोल,दमाऊ) हुड़का, ढौंर, को विदेशों मे खूब पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं।
रोशनलाल ने कहा कि हमारे जितने भी भाई, बहन यहां हमारे इर्द, गिर्द रहते हैं सभी अपनी रीतिरिवाजों के प्रति काफी संजीदा हैं तथा हर समय प्रतेक त्यौहारों को परंपरागत तरीकों से मनाते रहते हैं जिससे विदेशी लोग ब्रिटेनवासी भी हमारे संस्कृति के प्रति काफी आक्रशित होते हैं तथा हमे एक शकून् का ऐहसास दिलाता है कि हमारी पंरम्परायें कितनी जागृत हैं कि हम अपने देश से दूर होकर भी हमें अपनी ओर आक्रशित किऐ हुए हैं।