काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र, वाराणसी, उ. प्र.।
प्रेम पक्षी (शायरी)
प्रेम पक्षी कर रहा संवाद है।
उड़ रहा आकाश में आजाद है।
दे रहा वह प्यार का संदेश है।
गूँजती आवाज मधुमय नाद है।
प्रेम पक्षी आतमा का रूप है।
हर रहा नित विश्व का अवसाद है।
है गले में स्नेह का शुभ गान प्रिय।
गीत सुन सारा जगत आबाद है।