राह में मिले हम तुम

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गुरुदीन वर्मा  (जी.आजाद)

शिक्षक एवं साहित्यकार

बारां (राजस्थान)

 

            राह में मिले हम तुम

————————————————————

राह में मिले हम तुम, जैसे अजनबी हो।

कुछ नहीं बोले हम तुम, जैसे अजनबी हो।।

राह में मिले हम तुम———————–।।

 

ऐसा नहीं कि तुमने, देखा नहीं हमको।

क्यों नहीं खुशी हमसे हुई, यार तुमको।।

झुकाकर निगाहें अपनी, निकल गए वहाँ से।

ऐसा लगा हमको तुम, जैसे अजनबी हो।।

राह में मिले हम तुम——————-।।

 

सोचा था पूछोगे, तुम यहाँ हाल हमारा।

मकसद यहाँ से, निकलने का हमारा।।

मगर हमने देखा, नाराज तुमको।

ऐसा लगा जैसे, तुम नाखुश हो।।

राह में मिले हम तुम————–।।

 

होगा नहीं अहमी, दिल तेरे जैसा।

बहुत मतलबी यार, साथी तेरे जैसा।।

भूल गये क्यों, मतलब पूरा कर।

करीब नहीं आये, जैसे नहीं जानते हो।।

राह में मिले हम तुम——————-।।

 

 

 

 

 

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