भारत के कूटनीति से आतंकी संगठन हो रहें तबाह। 

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पंकज सीबी मिश्रा, प्रभारी संपादक (नया अध्याय)

राजनीतिक विश्लेषक / पत्रकार, जौनपुर, उत्तर प्रदेश। 

 

भारत के कूटनीति से आतंकी संगठन हो रहें तबाह। 

ईरान की जान सांसत में है, बांग्लादेश अंतिम सांसे गिन रहा, पाकिस्तान महंगाई सम्हालने में नाकाम होकर भीखमंगो का देश घोषित होनें के कगार पर है अन्य कई देशो नें अपने पड़ोसी देशो के ऊपर हमले शुरू कर दिए है और आतंकी संगठनों को नेस्तोनाबूत करने के लिए हर कड़े कदम उठा रहा। गाज़ा और फलस्तीन के बाद बेरूत और लेबनान तबाह हुआ, हमास का खात्मा हुआ अब हिजबुल्लाह के खात्मे के साथ नसरल्लाह तबाह हुआ । बेरूत दुनिया के शानदार शहरों में शामिल था उसे खंडहर किया गया । लेबनान की सैकड़ों इमारतें ध्वस्त हो गई । हमास और हिजबुल्लाह की तबाही के बाद एक और खतरनाक आतंकवादी संगठन हुती अभी यमन में बैठा हुआ है । लेकिन दो आतंकी संगठनों का हश्र देखकर हुती की हिम्मत शायद जवाब दे गई है । ऐसे में पाकिस्तान की चिंता जायज है पर अब भारत को देर नहीं करनी चाहिए और पाकिस्तान में पनप रहें भारत विरोधी आतंकी संगठनों का दमन कर देना चाहिए। यूएनओ में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर की तुलना फलस्तीन से की तो पूरे सदन में बैठे डिप्लोमेट्स के चेहरों पर हंसी आ गई। अबकी बार तो तुर्किए डेलीगेट ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। राइट ऑफ आंसर का प्रयोग करते हुए इंडियन डेलीगेट भाविका मंगलनंदन ने कहा कि पाकिस्तान अंधेरों में भटक रहा है। कश्मीर में चुनाव चल रहे हैं और कश्मीरी रिकार्ड 73% तक मतदान कर रहे हैं। कश्मीर में शीघ्र ही निर्वाचित सरकार बनेगी। कश्मीर की जनता बहुत खुश है और प्रगति के तमाम रास्ते खुल गए है। शाहबाज का मुंह इतना सा रह गया। यूएनओ में हर साल भारतीय महिला डेलीगेट ही पाकिस्तान को तबियत से धोती हैं। जहां तक इनमें सबसे ताकतवर देश ईरान की बात करें तो इजरायल का डर इस कदर हावी है कि सर्वेसर्वा खोमैनी तेहरान छोड़कर भूमिगत हो गए हैं। राष्ट्रपति भी कहां हैं , कोई नहीं जानता । इजरायल पहले ही ईरान के वीआईपी जोन में आए हमास के कमांडर को स्वाहा कर चुका है। ईरान अभी तक इजरायल को बढ़चढ़कर धमकियां दे रहा था। हिजबुल्लाह उसी का पाला हुआ प्यादा था। लेकिन पेजर बम धमाकों ने हिजाब के नाम पर एक हजार औरतों को कत्ल करने वाले खोमैनी को चूहा बना दिया है। नेतन्याहू ने मुस्लिम राष्ट्र ईरान को खुलेआम दी धमकी! यूनाइटेड नेशन के मंच पर से ही नेतन्याहू ने दी धमकी! लेबनान पर किसी भी हाल में हमले नहीं रोकूंगा!  मुस्लिम देश ईरान के चप्पे-चप्पे पर है हमारी कड़ी नजर। ईरान की कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां इजरायल की पहुंच ना हो! 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल की धरती पर हुए हमास के हमले के प्रति अपने देश के तरफ से हम केवल जवाब दे रहे! हमने आगे से किसी पर हमला नहीं किया, हमपर हमला करोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं! नेतन्याहू “द कर्स” और “द ब्लेसिंग” के नक्शे दिखा रहे हैं।ईरान, इराक, लेबनान, सीरिया और यमन को “द कर्स” बताया गया है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर को द ब्लेसिंग बताया गया है। मात्र 95 लाख का देश इजरायल अकेला ही तमाम इस्लामिक देशों पर भारी पड़ रहा है। इजरायल के खौफ और भयंकर सैन्य शक्ति का अनुमान इसी बात से लगा लीजिए कि 57 इस्लामिक देश मिलकर भी इजरायल का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। बात लेबनान की करें तो अभी कुछ दशक पूर्व तक यह बेहद खूबसूरत क्रिश्चियन देश था। याद कीजिए राजकपूर की फिल्म अराउंड दी वर्ल्ड और रामानन्द सागर की खूबसूरत फिल्म आंखें। इनका अधिकांश हिस्सा लेबनान की राजधानी बेरूत में ही फिल्माया गया था। लेबनान ने कारोबार के लिए मुस्लिमों को बुलाया और आज लेबनान ईसाई देश से कट्टर इस्लामिक देश में बदल चुका है। सब जानते हैं कि इजरायल चारों ओर से दुश्मनों से घिरा हुआ है। इस बात को सबसे पहले इस्रायलियों ने जाना। एक करोड़ से भी कम आबादी होने के बावजूद इजरायल के खुद को दुनिया का खतरनाक सुरक्षित देश बना लिया। पूरे देश को एटॉमिक शक्ति वाले आयरन डोम से ढक दिया। इजरायल के पास एटम बॉम्ब भी है, दुनिया की सबसे खतरनाक ताकतवर सेना भी। इसकी सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका का है। उसके पास इतने ताकतवर मिसाइल, गोला बारूद और उपकरण हैं कि दुनिया के ताकतवर देश सलाम ठोकते हैं।  देख लीजिए। एक अकेला सब पर भारी। इजरायल वस्तुतः एक ऐसा मिथक और आतंकवादियों का काल बन चुका है कि दुनिया आज उसकी ताकत को मुंह में उंगली दबाए देख रही है। संयोग से इजरायल का पक्का मित्र है भारत । भारत फलस्तीन से भी दोस्ती निभाता है। मोदी और नेतन्याहू के बीच दबी दबाई गुफ़्तगू है। इजरायली शक्ति और टेक्नोलॉजी अपनी दास्तां खुद सुना रही है और अब ईरान की जान हलक में फंसी है  ।

 

 

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