पवन वर्मा।
केन-बेतवा परियोजना का शिलान्यास, अब साकार होगा अटल जी का संकल्प।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर 44 हजार 600 करोड़ रुपए की लागत से मध्यप्रदेश के खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का भी जारी किया । कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने यहां अपने भाषण का आरंभ ठेठ बुंदेलखंडी में किया उन्होंने कहा कि वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पर रहवे वारे सभी जनन को हमाई तरफ से हाथ जोड़के राम-राम पहुंचे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. भीम राव अंबेडकर का भी उल्लेख किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि”एमपी में आज हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। आज बहुत प्रेरणादायी दिन है। आज अटलजी की जन्म जयंती है। आज उनके जन्म के 100 साल हो रहे हैं। उन्होंने मुझ जैसे कई कार्यकर्ताओं को सिखाया है। देश के विकास में अटलजी का योगदान हमारे स्मृति पटल पर अटल रहेगा।”
उन्होंने कहा कि “भारत में जो बड़ी नदी परियोजनाएं बनीं, इनके पीछे डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है इसके पीछे भी डॉ. अंबेडकर के ही प्रयास थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण के प्रयासों और बांधों के लिए बाबा साहेब को क्रेडिट नहीं दिया। किसी को पता भी नहीं चलने दिया।”
प्रधानमंत्री ने नेहरू का नाम लिए बिना कटाक्ष किया कि”पानी के लिए दूरदर्शी आयोजन पर सोचने का क्रेडिट एक ही व्यक्ति (जवाहर लाल नेहरू) को देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। आज मैं बताता हूं, देश आजाद होने के बाद भारत की जल शक्ति, भारत के जल संसाधन, भारत में पानी के लिए बांधों की रचना… इन सबकी दूरदृष्टि के लिए किसी एक महापुरुष को क्रेडिट जाता है तो उस महापुरुष का नाम है बाबा साहेब अंबेडकर।”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के शिलान्यास के साथ ही स्व. वाजपेयी का नदी जोड़ो का संकल्प मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। (विनायक फीचर्स)