ऊखीमठः तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत पावजगपुडा के ग्रामीणों के सहयोग से सोमेश्वर महादेव मन्दिर में आयोजित 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन तुंगनाथ घाटी के विभिन्न गांवों के सैकड़ों  शिव भक्त कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैैं।

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ब्यूरो ऊखीमठः लक्ष्मण सिंह नेगी।

 

                         ऊखीमठः तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत पावजगपुडा के ग्रामीणों के सहयोग से सोमेश्वर महादेव मन्दिर में आयोजित 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन तुंगनाथ घाटी के विभिन्न गांवों के सैकड़ों  शिव भक्त कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैैं। शिव महापुराण कथा के आयोजन से तथा विद्वान आचार्यो की वेद ऋचाओं से तुंगनाथ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है आगामी 25 फरवरी को भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया जायेगा तथा 26 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ शिव महापुराण कथा का समापन होगा।

शिव महापुराण कथा के छटवें दिन कथावाचक आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी ने तुंगनाथ धाम की महिमा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि पंच केदारों में तुंगनाथ धाम तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात है तथा तुंगनाथ धाम में भगवान शिव के भुजाओं की पूजा की जाती है तथा पितरों के मोक्ष के लिए भी तुंगनाथ धाम उत्तम माना गया है। उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम की महिमा का केदारखण्ड सहित विभिन्न महापुणों, पुराणों  व उपपुराणों  में विस्तृत वर्णन किया गया है। कथावाचक आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी ने कहा कि जो मनुष्य तुंगनाथ धाम का स्मरण मात्र करता है वह मनुष्य शिव लोक में पूजित होता है। उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम हिमालय में सबसे ऊंचाई पर मनोहारी बुग्यालों के मध्य विराजमान है तथा तुंगनाथ धाम में जो मनुष्य निस्वार्थ भाव से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित भगवन तुंगनाथ की पूजा – अर्चना व जलाभिषेक करता वह मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि तुंगनाथ धाम के शीर्ष पर चन्द्रशिला शिखर विराजमान है तथा वहा से प्रकृति का जो नयनाभिराम दृष्टिगोचर होता है वह सदैव मानस पटल पर स्मरणीय रहता है। इस मौके पर अजय मैठाणी, सुरेन्द्र प्रसाद मैठाणी, अतुल मैठाणी, शारदानन्द देवशाली, मुकेश भट्ट, हरिओम रूडोला, कैलाश चन्द्र मैठाणी सहित वन पंचायत, ग्राम पंचायत, महिला मंगल दल, युवक मंगल दलो के पदाधिकारी व सैकड़ों  श्रद्धालु मौजूद थे।

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