ब्यूरो रुद्रप्रयागः लक्ष्मण सिंह नेगी।
ऊखीमठः मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत राऊलैंक के विभिन्न तोको के लगभग 305 परिवार राज्य गठन के 24 वर्षों बाद भी यातायात सुविधा से वंचित है। ग्रामीणों द्वारा विगत पांच वर्षों से लैंक, चकचौकी, झेकडी़ व मालतोली तोको को यातायात से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर परिवहन मंत्री तक गुहार लगाने के साथ शासन – प्रशासन व सम्बंधित विभाग को मोटर मार्ग निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बाद भी ग्रामीणों की एक सूत्रीय मांग पर अमल न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। विभिन्न तोको के यातायात से अछूते रहने के कारण ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की सामाग्री को पीठ में ढोने के लिए विवश बने हुए है। ग्रामीणों की मुश्किलें तब और बढ़ जाती है जब बीमार व्यक्ति को डडी़ या चारपाई के सहारे मोटर मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग पर यदि शासन – प्रशासन अमल करता है तो विभिन्न तोको के ग्रामीणों को यातायात सुविधा मुहैया होने के साथ सिद्धपीठ कालीशिला जाने वाले तीर्थ यात्रियों की पैदल दूरी कम होने के साथ सिद्धपीठ कालीशिला जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है तथा देश – विदेश के लाखों श्रद्धालु सिद्धपीठ कालीशिला के आध्यात्मिक, धार्मिक महत्ता के साथ सिद्धपीठ कालीशिला के प्राकृतिक सौन्दर्य से भी रूबरू होगे। बता दे कि मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत राऊलैंक के ग्रामीणों द्वारा विगत पांच वर्षों से गांव के लैंक, चकचौकी, झेकडी़ व मालतोली तोको को यातायात से जोड़ने की मांग की जा रही है तथा ग्रामीणों द्वारा अक्टूबर 2022 को तत्कालीन केदारनाथ विधायक, 23 जनवरी 2023 को परिवहन मंत्री व 28 जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर गांव के विभिन्न तोको को यातायात से जोड़ने की मांग की जा रही है मगर आज तक ग्रामीणों की एक सूत्रीय मांग पर अमल न होने पर ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रधान कमलेन्द्र नेगी ने बताया कि गांव के विभिन्न तोको के ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की सामाग्री को पीठ में ढोने के लिए विवश बने हुए है। वन पंचायत सरपंच दिलीप रावत ने बताया कि गांव के विभिन्न तोको के यातायात से अछूते रहने के कारण निर्माणाधीन मकानों की लागत कई गुना अधिक पहुंच जाती है। महिला मंगल दल अध्यक्ष नीमा देवी का कहना है कि यदि मालतोली तक मोटर मार्ग का निर्माण होता है तो सिद्धपीठ कालीशिला जाने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होगा जिससे गांव के विभिन्न तोको में होम स्टे योजना व स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने से बेरोजगारों के सन्मुख स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होगें। रमेश रावत, बृजमोहन सिंह रावत का कहना है कि एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार सीमान्त गांवों में विकास की किरण पहुंचाने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ ग्रामीणों की पांच वर्षों मांगों को फाइलों में कैद रखकर ग्रामीणों के साथ छल किया जा रहा है। सुरेशा सिंह, राजेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यदि समय रहते गांव के विभिन्न तोको को यातायात से जोड़ने की कार्यवाही नहीं की गयी तो ग्रामीणों को अपने अधिकारों को पाने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पडे़गा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन व सम्बन्धित विभाग की होगी।