ब्यूरो रुद्रप्रयाग: लक्ष्मण सिंह नेगी
ऊखीमठ: देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर बनाने तथा मन्दिर के शिलान्यास में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शिरकत करने तथा ट्रस्ट का नाम केदारनाथ धाम ट्रस्ट रखने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में एक प्रार्थना याचना सभा का आयोजन किया गया।
प्रार्थना याचना सभा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने बढ़ – चढ़कर भागीदारी की तथा चेतावनी दी गयी की यदि एक माह के अन्तर्गत ट्रस्ट के नाम से केदारनाथ धाम नहीं हटाया गया तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन शुरू किया जायेगा। प्रार्थना याचना सभा को सम्बोधित करते हुए बद्री केदार मन्दिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि केदारनाथ धाम युगों से सनातन धर्म के आस्था व विश्वास का केन्द्र रहा है तथा दिल्ली बुराड़ी में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर का निर्माण करने से करोड़ों हिन्दुओ की आस्था पर ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम हमारी आध्यात्मिक सम्पत्ति है इसलिए प्रति वर्ष करोड़ों श्रद्धालु बाबा के धाम में आकर विश्व समृद्धि की कामना करते हैं। केदारनाथ पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर के निर्माण का विरोध सर्व प्रथम मन्दिर समिति को करना चाहिए तथा केदारनाथ धाम युगों से आस्था व चेतना का केन्द्र रहा है इसलिए प्रतीकात्मक मन्दिर के निर्माण का पुरजोर विरोध किया जायेगा। कपकोट के पूर्व विधायक ललित मोहन फर्स्वाण ने कहा कि केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर का निर्माण होने से केदारनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो सकता है तथा प्रतीकात्मक मन्दिर का निर्माण करना देवभूमि उत्तराखंड में जनमानस की आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल ने कहा कि यदि ट्रस्ट के नाम से केदारनाथ धाम नहीं हटाया गया तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन किया जायेगा। पूर्व प्रमुख जय नारायण नौटियाल ने कहा कि केदारनाथ की यात्रा युगों से आस्था की यात्रा है। कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनन्द सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ यात्रा को युगों से स्वर्ग की यात्रा माना जाता है। इस अवसर पर कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे तथा केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर का घोर विरोध किया जबकि सभा का संचालन कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अवतार नेगी ने किया। इस मौके पर पूर्व प्रमुख सन्त लाल शाह, कर्णप्रयाग पूर्व प्रमुख कमल सिंह रावत, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुवर सजवाण, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसन्ती रावत, जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, गणेश तिवारी, कुलदीप कण्डाली पूर्व जिपस देवेश्वरी नेगी, बीर सिंह बुडेरा, बीरेन्द्र बुटोला, तीर्थ पुरोहित सन्तोष त्रिवेदी, कुब्जा धर्म्वाण, कैलाश पुष्वाण, गजपाल रावत, कर्मवीर कुवर, धर्म सिंह नेगी, प्रदीप धर्म्वाण, रवीन्द्र रावत, राकेश नेगी, दिनेश पुरोहित, दौलत पंवार, दीपा देवी आर्य, शिव सिंह रावत, लक्ष्मण रावत, पवन राणा, हरीश गुसाईं, सोमेश्वरी भटट्, जेपीएस कठैत, दर्शन सिंह रावत, लखपत बर्त्वाल, राजेन्द्र भण्डारी, मनमोहन पुण्डीर, जगत सिंह पंवार, रणजीत रावत, कुवर सिंह नेगी, कुवर लाल,महेन्द्र रावत सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता व विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।