ऊखीमठ: पंच केदारो तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर तीर्थ मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना हो गयी है।
भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर महिलाओं ने मांगल गीतों व भक्तों ने बाबा शंकर के उदघोषो से अगुआई की तथा पुढखी नामक स्थान पर पहुंचने पर भक्तों ने नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना की। भोग अर्पित करने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए भूतनाथ मन्दिर पहुंच गयी है तथा 8 मई भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर में ही भक्तों को दर्शन देगी । 9 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से रवाना होकर पाव, चिलियाखोड,पंगेर, बनियाकुण्ड यात्रा पडावो पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी तथा 10 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें! मंगलवार को भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर तीर्थ मक्कूमठ में ब्रह्म बेला पर विद्धान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये समपन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस कोटी देवी – देवताओं का आवाहन किया! ठीक दस बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने मर्कटेश्वर तीर्थ की तीन परिक्रमा कर कैलाश के लिए रवाना हुई! भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर भक्तों ने पुष्प, अक्षत्रो से अगुवाई की तथा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी।
भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने खेत-खलिहानों में नृत्य करते हुए पुढखी नामक तोक पहुंचीं जहाँ पर ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ को नये अनाज का भोग अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली व विश्व कल्याण की कामना की! नये अनाज का भोग अर्पित करने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए भूतनाथ मन्दिर पहुंच गयी है तथा 9 में को कैलाश के लिए रवाना होगी तथा 10 मई को शुभ लगनानुसार तृतीय भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेगें! इस मौके पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी, प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी, प्रधान विजयपाल नेगी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, प्रभारी निरीक्षक कर्णप्रयाग देवेन्द्र रावत,विजय भारत मैठाणी, अतुल मैठाणी,विनोद मैठाणी, हरि बल्लभ मैठाणी,प्रकाश मैठाणी, मोहन प्रसाद मैठाणी, ,पूनम नौटियाल, चन्द्रमोहन बजवाल, जय सिंह चौहान, शंकर सिंह नेगी, भगवती प्रसाद मैठाणी, चन्द्र वल्लभ मैठाणी, मुकेश मैठाणी , प्रकाश मैठाणी अजय मैठाणी, सुनीता सेमवाल, शशि भटट् सहित विभिन्न गांवों के हजारों श्रद्धालु , पंच पुरोहित,हक – हकूकधारी , मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।