गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां (राजस्थान)
खुशी मुझको मिलती है सिर्फ तुमसे ही
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खुशी मुझको मिलती है, सिर्फ तुमसे ही।
इसीलिए मोहब्बत है, सिर्फ तुमसे ही।।
नहीं और किसी से मुझको कोई मतलब।
मुझको मतलब है सिर्फ तुमसे ही।।
खुशी मुझको मिलती है—————-।।
कभी मुझसे यदि, कोई हो जाये भूल।
मत रूठना मुझसे कभी, तू करके भूल।।
मैं तुम्हारे बिना रह नहीं सकता।
मेरी जिंदगी है, सिर्फ़ तुमसे ही।।
खुशी मुझको मिलती है—————।।
संसार यह जो, मैं रच रहा हूँ।
गुलशन यह जो, मैं सींच रहा हूँ।।
क्यों ये सितारें मैंने रोशन किये हैं।
आबाद हूँ मैं, सिर्फ तुमसे ही।।
खुशी मुझको मिलती है————–।।
कुर्बान मैं हूँ , सिर्फ तुम्हारे लिए।
मेरे ख्वाब हैं सारे, तुम्हारे लिए।।
आँसू मैं तुम्हारे बहने नहीं दूंगा।
मैं यहाँ वफ़ा हूँ , सिर्फ तुमसे ही।।
खुशी मुझको मिलती है—————।।