ब्यूरो रुद्रप्रयागः लक्ष्मण सिंह नेगी।
ऊखीमठः कुण्ड-चोपता नेशनल हाइवे पर सीढीनुमा खेत- खलिहानों के मध्य बसे चुन्नी गांव मे 35 वर्षो बाद आयोजित पाण्डव नृत्य के 20 वें दिन पंच देव पाण्डवों ने मंगोली गांव का नगर भ्रमण कर ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया तथा इस दौरान पैय्या डाली कौथिग का भव्य आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया। पंच देव पाण्डवों के मंगोली गांव आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया तथा पाण्डवों द्वारा पैय्या डाली कौथिग में अनेक आध्यात्मिक, पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया व पाण्डव पश्वाओं ने बाराही मन्दिर व मंगोली गांव के मध्य प्राचीन मदमहेश्वर मन्दिर अस्त्र – शस्त्रो सहित दर्शन किये।
कल मकर संक्रान्ति पर्व पर पाण्डवों के अस्त्र – शस्त्र विसर्जित के साथ पाण्डव नृत्य का समापन होगा। सोमवार को चुन्नी गांव में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यो द्वारा पंचाग पूजन के तहत तैतीस कोटि देवी – देवताओं के आवाहन करने के साथ भगवती बाराही व पंच देव पाण्डव का भी आवाहन किया गया। ठीक दस बजे पाण्डव चौक मेें पाण्डव नृत्य का शुभारंभ हुआ तथा नृत्य करने के बाद पंच देव पाण्डव पैय्या डाली के लिए मंगोली के लिए रवाना हुए तथा पाण्डवो के मंगोली गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा पाण्डवों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। पण्डित यशोधर मैठाणी द्वारा पैय्या डाली कौथिग के अन्तर्गत कई आध्यात्मिक, पौराणिक परम्पराओ का निर्वहन किया। पाण्डव नृत्य कमेटी अध्यक्ष बचन सिंह रावत ने बताया कि विगत 25 जनवरी से पाण्डव नृत्य का शुभारंभ किया गया था। कार्यकारी अध्यक्ष अनूप तिवारी ने बताया कि पाण्डव नृत्य मे यशस्वी बर्त्वाल, फूलदेई देवी, अजय तिवारी, अनसोया तिवारी, बीरेन्द्र रावत, आशीष तिवारी, अंकित तिवारी, राजकुमार तिवारी, लोकेश शुक्ला, बलवीर सिंह, सन्दीप शुक्ला, अभिषेक तिवारी, प्रांजल, गोविंद शुक्ला, प्रकाश शुक्ला, केशव रावत द्वारा विभिन्न पाण्डव पश्वाओं की भूमिका अदा की गयी। सचिव प्रेम सिंह रावत ने बताया पाण्डव नृत्य के आयोजन में केदार घाटी के हर जनमानस का अहम योगदान रहा। कोषाध्यक्ष कर्मवीर बर्त्वाल ने बताया कि 35 वर्षो बाद आयोजित पाण्डव नृत्य के आयोजन से ग्रामीणों मेें भारी उत्साह बना रहा। इस मौके पर निवर्तमान सभासद प्रदीप धर्म्वाण, पूर्व प्रधान राय सिंह धर्म्वाण, समाजसेवी कुब्जा धर्म्वाण, सुरेशानन्द भट्ट, प्रताप सिंह धर्म्वाण, मनवर सिह धर्म्वाण, नरेन्द्र रावत, राजेन्द्र धर्म्वाण, कुवर सिंह पुष्वाण, सुरेन्द्र धर्म्वाण, रणवीर धर्म्वाण, प्रेम सिंह धर्म्वाण, आशाराम नौटियाल, सौरभ भट्ट, विजय प्रकाश नौटियाल, जसपाल सिंह धर्म्वाण, अमर सिंह धर्म्वाण, पूर्ण सिंह धर्म्वाण, कुवर सिंह नेगी सहित विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।