
सुरेश रोहरा कोरबा के साहित्य की धुरी थे – कवि संगम त्रिपाठी।
जबलपुरः लोकसदन समाचार पत्र कोरबा/ रायपुर छत्तीसगढ़ के संपादक एवं साहित्यकार सुरेश रोहरा जी का विगत दिवस हम सभी के बीच से चले जाना बहुत ही दुखद समाचार है। उनके निधन से कोरबा के साथ – साथ देश के साहित्य जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। सुरेश रोहरा का नाम पत्रकार जगत में तो रहा ही साहित्य जगत में भी उनकी अपनी अलग पहचान रही।
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि सुरेश रोहरा जी हर कवि व साहित्यकार को बराबर अपने समाचार पत्र में स्थान प्रदान करने का काम करते थे एवं कोरबा अंचल के साहित्यिक गतिविधियों में धुरी का काम करते थे। सुरेश रोहरा जी गांधीवादी विचारधारा के प्रबल समर्थक रहे और उनके चिंतन में भी उनकी यह छाप झलकती थी। हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी भाषा को आपने प्रकाशित व प्रसारित करने में सदैव तत्पर रहे।
कवि संगम त्रिपाठी, राकेश खरे, मधुसूदन आत्मीय ने सुरेश रोहरा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।