अनर्गल बयानों से आफत, अपनी ही फूँक से उड़ता विपक्ष
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पंकज कुमार मिश्रा, प्रभारी संपादक उत्तर प्रदेश / पत्रकार
लोकसभा चुनावों में विपक्ष की परेशानी खुद विपक्ष ही बढ़ा रहा। चुनाव में वोटिंग जैसे चरण दर चरण आगे बढ़ रहा वैसे वैसे विवादित बयानों की झड़ी सी लगती जा रहीं। चुनाव परिणामों से घबराया विपक्ष हिंदुत्व, नश्लवाद और भगवान राम पर अनर्गल टिप्पणीयों पर उतर आया है। जहाँ एक और सपा के रामगोपाल यादव नें राम मंदिर को बेकार कहा तो हर तरफ थू थू होने लागी और लोगो नें कहा कि समाजवादी पार्टी का असली रूप यही है जहाँ वह केवल राम का विरोध करती है और राम मंदिर वाले कार सेवकों का क़त्ल करवाती है। सपा कभी राम की नहीं हो सकती और रामगोपाल के बयान को जौनपुर वालों नें पूर्व सपा सचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से प्रेरित बताया और जिसे लेकर जौनपुर सपा प्रत्याशी का विरोध भी शुरू हो गया। वही राहुल गांधी के गुरु माने जाने वाले इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के ताजा बयान पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारत की अनेकता में एकता को समझाते हुए सैम पित्रोदा कुछ ऐसा कह गए जो तेजी से वायरल हो गया। भारतीय जनता पार्टी ने पित्रोदा की नश्लवादी टिप्पणी को लपकने में जरा भी देर नहीं की जिसके बाद सैम को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा। इसे लेकर मोदी नें कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव आगे बढ़ रहे हैं, विपक्षी पार्टी का मुखौटा उतरता जा रहा है। बीजेपी ने दावा किया कि पित्रोदा की ”नस्लवादी” टिप्पणियों से देश को नस्ल, धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति की पोल खुल गई है और गठबंधन की मानसिकता जगजाहिर हो रही । नश्लवादी टिप्पणी करने वाले अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब मुझे गालियां दी जाती हैं तो मैं इसे बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन जब मेरे लोगों को गालियां दी जाएंगी तो ये बर्दाश्त नहीं होगा। मोदी नें फिर से एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों को अपना परिवार कहा। उन्होनें कहा हम इस जातिवादी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। क्या हम त्वचा के रंग के आधार पर किसी व्यक्ति की योग्यता तय कर सकते हैं? किसने शहजादे के गुरु को मेरे लोगों को इस तरह तुच्छ दृष्टि से देखने की अनुमति दी? पित्रोदा ने इंडिया गठबंधन के उस विचार को उजागर किया है जिस पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के बड़े नेता विश्वास करते हैं। राहुल गांधी नें अपनी विदेश यात्राओं के दौरान अक्सर भारतीय लोकतंत्र और देश की संस्थाओं की आलोचना की है। सैम पित्रोदा ने एक विदेशी चैनल से चर्चा के दौरान कहा कि भारत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले अंग्रेजों जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। सैम पित्रोदा ने आगे कहा, इससे फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहनें हैं। उन्होंने दोहराया कि राम मंदिर, हनुमान, बजरंग दल जैसे मुद्दों से भारत का विकास नहीं होगा। प्रतिक्रिया में भाजपा ने कहा, ‘सैम पित्रोदा ने भारत, भारतीय संस्कृति, भारत की पहचान और यहां के लोगों की पहचान पर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है। ऐसा लगता है कि यह विषय केवल चुनाव या राजनीति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के अस्तित्व से जुड़ा है, क्योंकि अब भारत के अस्तित्व पर सीधा सवाल उठाया जा रहा है। एक पॉडकास्ट में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने बुधवार को कहा, ‘हम 75 साल से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं. हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं। जहां पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण में लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं। उधर कांग्रेस ने बयान से दूरी बनाई पर इरादे स्पष्ट नहीं किए। हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य बताया और कहा कि पार्टी टिप्पणियों से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।