राजेन्द्र सिंह जादौन
पत्रकार ,लेखक,विचारक
(राष्ट्रीय अध्यक्ष खोजी पत्रकार यूनियन)
अटल जी की झाड़ू को मोदी ने थाम कर किया दो फाड़ कांग्रेस का सफाया …?
आज देश भर में इंद्रा की कांग्रेस के जो हाल है वो किसी से छुपे नही नही है लगातार कांग्रेस के अनुभवी नेता भाजपा में शामिल हो रहे है और कांग्रेस ख़त्म हो रही है । ये पहला मौका नही है जब कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग में तब्दील हुई है । इससे पहले 1967 के आम चुनाव में इंदिरा जहां सिंडिकेट का सूपड़ा साफ करके सत्ता पर काबिज हुई थी वहीं, फिर से कांग्रेस (ओ) के तौर पर उनके सामने पुराने दुश्मन खड़े थे। चुनावी मैदान में एक तरफ इंदिरा की नई कांग्रेस और दूसरी तरफ पुराने बुजुर्ग कांग्रेसी नेताओं की कांग्रेस (ओ) थी। दरअसल, 12 नवंबर 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा गया गया था। उनपर पार्टी ने अनुशासन के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। इस कदम से बौखलाईं इंदिरा गांधी ने नई पार्टी कांग्रेस (आर) बनाई। सिंडिकेट ने कांग्रेस (ओ) का नेतृत्व किया।
इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस नेे लोकसभा की 545 सीटों में से 352 सीटें जीतीं। जबकि कांग्रेस (ओ) के खाते में सिर्फ 16 सीटें ही आई। भारतीय जनसंघ ने चुनाव में 22 सीटें जीतीं। सीपीआई ने चुनाव में 23 सीटें जीतीं। जबकि सीपीआईएम के खाते में 25 सीटें आईं। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 2 सीटें जीतीं जबकि संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के खाते में 3 सीटें आईं। स्वतंत्र पार्टी के खाते में सिर्फ 8 सीटें आई। यह चुनाव 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में संपन्न हुआ। 518 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस ने इससे पहले के लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटें जीतीं।
अटल जी की झाड़ू को मोदी ने थामा
आज कांग्रेस के जो हालात है टूटती बिखरती टुकड़े टुकड़े कांग्रेस ये सिर्फ़ अटल बिहारी बाजपाई की सोच और उनके संघर्ष का नतीजा है ।
अटल बिहारी वाजपेयी पर लिख एक किताब ‘ हार नहीं मानूंगा’ में लेखक ने लिखा है कि जब अप्पा घटाटे ने वाजपेयी से पूछा, ‘ संसद में इंदिरा जी क्या प्रतिक्रिया है?’ वाजपेयी हंस कर बोलो, ‘अभी तो हमारी तरफ बहुत प्यार से देखती हैं’। 1971 के आम चुनाव ने जनसंघ को लगभग साफ कर दिया था। लोकसभा चुनाव के बाद ही दिल्ली में नगर पालिका चुनाव होने थे और वाजपेयी ने अपनी शैली में भाषण दिया और जनसंघ ने म्युनिसिपल चुनाव जीत लिया। दरअसल, जनसंघ की हार के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी शैली में भाषण देते हुए दिल्ली की जनता से कहा- ‘ आपने इंदिरा गांधी को मौका दिया वह तो ठीक है लेकिन अब हमें सफाई के लिए झाड़ू लगाने का मौका तो दो।’ जनसंघ दिल्ली में चुनाव जीती और जनता ने झाड़ू लगाने का मौका दे दिया।
ये वही झाड़ू है जो मोदी के सत्ता में काबिज़ होने के बाद सफ़ाई अभियान के नाम से प्रसिद्ध हुई और जनसंघ से भाजपा में तब्दील हुई पार्टी ने आज इंद्रा की कांग्रेस पर पूरी तरह झाड़ू फेर दी ..?