मुख्य सचिव को सौंपी ‘डाटा एनालिसिस ऑफ 100 डेज – उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट ’।

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दिनेश सेमवाल (शास्त्री), देहरादून।

मुख्य सचिव को सौंपी ‘डाटा एनालिसिस ऑफ 100 डेज – उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट ’।

 

एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा के सौ दिन पूरे होने पर जारी की थी रिपोर्ट। देहरादून

एसडीसी फाउंडेशन ने मुख्य सचिव को अपनी ‘डाटा एनालिसिस ऑफ 100 डेज – उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट ’ सौंपी है। फाउंडेशन ने यह रिपोर्ट चारधाम यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर जारी की थी। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर यह रिपोर्ट सौंपी। मुख्य सचिव ने चार धाम रिपोर्ट को पर्यटन विभाग को प्रेषित करने का आश्वासन दिया।

उत्तराखंड के चार धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुले थे। 12 मई को बद्रीनाथ और 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिये गये थे। 17 अगस्त को यात्रा ने अपने 100 दिन पूरे किये थे। इस मौके पर एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और विभिन्न जिलों में स्थित यात्रा कन्ट्रोल रूम द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार पहले 100 दिन में 32,61,095 तीर्थयात्री चारों धामों और हेमकुंड साहिब आ चुके थे। पहले 30 दिनों में 60 प्रतिशत यानी 19,56,269 तीर्थयात्री आयेे। बाकी के 70 दिनों में 40 प्रतिशत यानी 13,04,826 तीर्थयात्री आये थे।

रिपोर्ट में कहा गया था कि पहले सौ दिन में सबसे ज्यादा 10,92,284 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे। बद्रीनाथ में इस दौरान 9,05,954 , गंगोत्री में 5,98,723, यमुनोत्री में 5,14,472 तीर्थयात्री पहुंचे। हेमकुंड साहिब में 1,49,662 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।

रिपोर्ट में इस दौरान धामों में मरने वालों की संख्या को भी जगह दी गई थी। पहले 100 दिनों में कुल 183 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई। सबसे ज्यादा 89 तीर्थयात्रियों की मौत केदारनाथ में हुई थी। इनमें 6 की मौत प्राकृतिक आपदा के कारण और बाकी 83 की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई थी। बद्रीनाथ में 44, यमुनोत्री में 31, गंगोत्री में 15 और हेमकुंड साहिब में 4 लोगों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई।

अनूप नौटियाल के अनुसार इस बार भी चारधाम यात्रा बेहद अव्यवस्थित रही। इसके साथ ही चारों धामों की कैरिंग कैपेसिटी पर भी ध्यान नहीं दिया गया। इन्हीं चिंताओं के चलते एसडीसी फाउंडेशन ने यह रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट को मुख्य सचिव को सौंपने का उद्देश्य भी यही था कि इन अव्यवस्थाओं की तरफ ध्यान दिलाया जा सके और भविष्य में चार धाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन पर काम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से उन्होंने मुख्य रूप से चारों धामों की कैरिंग कैपेसिटी को लेकर बात की और अनुरोध किया कि कैरिंग कैपेसिटी का आकलन करके ही चारों धामों और हेमकुंड साहिब में प्रतिदिन तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की जाए। इसके अलावा उन्होंने इस वर्ष की यात्रा समापन के उपरांत समस्त स्टेकहोल्डर्स के साथ विमर्श कर भविष्य में चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन पर भी अपनी बात रखी।

अनूप नौटियाल ने कहा कि राज्य सरकार हर साल तीर्थयात्रियों का रिकॉर्ड टूटने को अपनी उपलब्धि बताती है, लेकिन यह सोच उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए बेहद नुकसानदेह है। उन्होंने ऑनलाइन/ऑफ़लाइन पंजीकरण, हेलीकॉप्टर सेवाओं और एयरो सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, ठोस और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, भूस्खलन से बचाव आदि में भी अनियमिताओं पर चिन्ता जताई।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से उनकी मुलाकात सार्थक रही। मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि इस रिपोर्ट को पर्यटन विभाग के संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाकर चारधाम यात्रा को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने के लिए कहा जाएगा।

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