जौनपुर यूपीः पंकज सीबी मिश्रा (सम्पादक)
किसकी साजिश.! कौन डरा रहा रेलवे विभाग को ?
पिछले एक माह के अंदर देश भर में विभिन्न रेल रूटों पर ट्रेन को पलटाने की साजिश का पता लगा है। रेलवे का सफर सबसे सुरक्षित सफर माना जाता था किन्तु अब स्थिति थोड़ी डरावनी बन रही। जल्द ही रेलवे विभाग को ठोस कदम और सख्त जाँच कराने होंगे नहीं तो किसी दिन भीषण जान माल का नुकसान हो सकता है। यूपी बिहार राजस्थान और एमपी सहित देश भर में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ हुई। बीते दिनों तीन अलग-अलग घटनाओं ने पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ा दी। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में ट्रेन पलटाने की साजिश के तीन मामलों की जांच चल रही है। कानपुर में 16 अगस्त की रात ट्रैक पर लकड़ी के पटरे का टुकड़ा रखकर साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने का षड्यंत्र किया गया । फर्रुखाबाद में 23 अगस्त की रात कानपुर-कासगंज-मथुरा रूट पर लकड़ी का मोटा तना रखकर कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश हुई । 20 अगस्त को अलीगढ़ में भी ट्रैक पर बाइक का रिम रखकर मालगाड़ी को पटरी से उतारने की साजिश रचने की घटना सामने आई। उधर राजस्थान में भी इन दिनों तीन बार ट्रेन को बेपटरी करने की कोशिश हुई। मध्यप्रदेश के बारां जिले के छबड़ा में रेलवे ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप रखकर साजिश रची गई। ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप अचानक सामने आने से मध्य प्रदेश के गुना से कोटा जा रही मालगाड़ी का इंजन उससे टकरा गया । 17 अगस्त को कानपुर में गुजैनी से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन रुट पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी, जिसमें ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसके बाद 5 सितंबर को गुजैनी पुल से ही ट्रैक पर एक ट्रक गिरता है, जिसके चलते आठ ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। यह सब कोई संयोग नहीं बल्कि दंगा और आतंक का एक प्रयोग है जिसमें सरकारी एजेंसीयों को निगरानी करानी चाहिए। कुछ दिन पहले जब गुजैनी से भीमसेन के बीच साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी तब उस मामले में लखनऊ से फॉरेंसिक टीम के सदस्य मौके पर जांच करने आए थे, अब कानपुर में ट्रेन को पलटाने की साजिश रचने की योजनाएं लगातार बन रही हैं। सोमनाथ एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफार्म से करीब 200 मीटर पहले पटरी से उतर गई। बताया जा रहा है कि रेल लाइनों पर दोनों तरफ पत्थर टकराने के निशान थे। जाँच में जो बात सामने आई वह यह कि घटना स्थल पर रेलवे लाइन के दोनों तरफ कच्ची पगडंडी है , हालांकि आसपास कोई बस्ती नहीं थी। न ही रेलवे ट्रैक पार करने के लिए कोई समपार फाटक या अंडरपास मौजूद था, जिससे इस घटना संदेहास्पद लगा।स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारी इस घटना की गंभीरता से जांच करवा रहे हैं। मध्य प्रदेश में ही कुछ दिन पहले कछपुरा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन लोहे की रॉड से टकराई थी। जबलपुर आरपीएफ ने इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया था।
अब एकदम ताजे मामले में उत्तर प्रदेश के कानपुर के अनवरगंज कासगंज रेल रूट पर कालिंदी एक्सप्रेस के सामने सिलेंडर रख दिया गया । जिसके बाद बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। बता दे की कालिंदी एक्सप्रेस 100 की स्पीड में आगे बढ़ रही थी। इसी बीच सामने ट्रैक पर सिलेंडर रखा हुआ था। जिसे मारते हुए आगे निकल गई। लेकिन संयोग बस रेल ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी रोक दी। क्या किसी गिरोह द्वारा ट्रेन को उड़ाने की साजिश रची गई थी ? गंभीर विषय है। इसकी जांच हो रही। बता दें कि अनवरगंज-कासगंज रूट पर कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस 14117 रविवार रात पलटने से बाल बाल बच गई। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। ज़ब बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन तब सिलिंडर से टकराई तो तेज आवाज हुई। इसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। रेलवे और आरपीएफ अधिकारियों को घटनास्थल से सिलिंडर के अलावा कांच की बत्ती लगी बोतल, माचिस और एक संदिग्ध झोला मिला है। सूत्रों के अनुसार झोले में बारूद जैसी कोई सामग्री थी, वहीं बोतल में संदिग्ध तरल पदार्थ बरामद हुआ। देर रात मौके पर एटीएस और एसटीएफ पहुंच गई और घटना की जांच शुरू कर दी। पूरे भारत में कहीं ना कहीं आए दिन रेल हादसे की खबर सुनने को मिल रही है। वहीं बीते दिनों कटिहार रेल मंडल अंतर्गत एकलखी रेलवे स्टेशन अप लाइन पर किमी 215/3-4 रेलवे लाइन ट्रैक का फिश प्लेट खुला हुआ मिलना, कहीं ना कहीं साजिश की ओर इशारा कर रहा है। नक्सलियों या फिर असमाजिक तत्वों के निशाने पर रेलवे ट्रैक और यात्री ट्रेन भी हैं।