कल जब तुमको————–

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गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)

(शिक्षक एवं साहित्यकार)

 बारां (राजस्थान)

 

 

 कल जब तुमको————–

———————————————————

कल जब तुमको,

महसूस होंगे सुख-दुःख,

तब तुमको,

समझ आ जायेंगे मेरे ये शब्द,

तब तुमको होगा

पश्चाताप अपनी इस बेख्याली पर।

 

कल जब तुमको,

नहीं होगा कोई लाभ अपने शौक से,

खुद की सोच से बनाये इस पथ पर,

जब चुभेंगे नश्तर तुम्हारे पैरों में,

तब तुमको होगा,

अफसोस अपनी पसंद पर।

 

कल जब तुमको,

मालूम होगी दुनिया की हकीकत,

आदमी के दुःखों की वजह,

उसके यश- अपयश की सच्चाई,

तब तुमको होगी,

ग्लानि अपनी जिद पर।

 

कल जब तुमको,

नहीं मिलेगी खुशी और शान्ति,

अपनी बनाई हुई छत के नीचे,

उस वक़्त तुमको,

आयेगी समझ मेरी प्रीत,

मेरी यह कविता- मेरी ये पंक्तियां,

इसका अर्थ और भावना मन की,

कि मेरा मतलब क्या है।

 

अभी तुम अबोध हो,

कल जब तुमको—————–।।

 

 

 

 

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