संजय एम. तराणेकर
(कवि, लेखक व समीक्षक)
इंदौर (मध्यप्रदेश)
किनारा ना किया…
ये मुझसे किनारा ना किया करों,
हाँ,मिलने का इशारा किया करों।
इस ज़माने से भी तो थोड़ा डरो,
कुछ हम पर भी तो रहम करों!
आती है याद हौसले बुलंद करों।
ये मुझसे किनारा ना किया करों,
हाँ,मिलने का इशारा किया करों।
होने दो ये अहसाँस थोड़ा-थोड़ा,
अब कभी-भी बन जाएगा जोड़ा!
यार मेरे इंतज़ार कर लें तू थोड़ा।
ये मुझसे किनारा ना किया करों,
हाँ,मिलने का इशारा किया करों।
मैं तेरी एक झलक से परवान हूँ,
करता हूँ इल्तज़ा कि निगेहबाँ हूँ!
हाँ, अब मैं तेरा सिपहसालार हूँ।