काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र, वाराणसी, उ. प्र.।
मेरा मोहक नव वर्ष 2025 (My Positive New Year 2025)
यह नव वर्ष सुहाना होगा।
नित सुन्दर सा गाना होगा।
सावन की मधु खुशबु होगी।
शुभ जीवन पैमाना होगा।
राग द्वेष का नाम न होगा।
पाप वृत्ति का काम न होगा।
पुण्यात्मा का सम्मेलन हो।
राम- राज दुनिया में होगा।
दो हज़ार पच्चीस मनोरम।
छटा बिखेरेगा प्रिय अनुपम।
लाल गुलाबी धरती होगी।
फाल्गुन जैसा सबकुछ उत्तम।
निर्मल सा जग उपवन होगा।
प्रत्याशित मधु मधुवन होगा।
पुष्पों की शोभित बगिया में।
जीवन में हरिदर्शन होगा।