गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां(राजस्थान)
तुमसे अगर मैं प्यार करूँ तो—————-
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तुमसे अगर मैं प्यार करूँ तो, क्या मिलेगा मुझको।
दर्द और गम के सिवा, कुछ नहीं मिलेगा मुझको।।
तुमसे अगर मैं प्यार करूँ————————-।।
यह जो देखता हूँ मैं, तुम्हारी आँखों में तलब।
जानता हूँ मैं भी, तुम्हारे दिल का मतलब।।
होती है क्या यह मोहब्बत, क्या बताऊँ तुमको।
तुमसे अगर मैं प्यार करूँ——————–।।
किसने यहाँ साथ निभाया, इस मोहब्बत में किसी का।
देखकै दौलत और महल, दिल बदला है हर किसी का।।
मैं भी दीवाना हूँ इनका, मुफलिसी पसंद नहीं मुझको।
तुमसे अगर मैं प्यार करूँ————————।।
मेरा तो दिल है पवित्र, यह वफ़ा भी निभायेगा।
अश्क जब तुम्हारे बहेंगे, लहू तब यह बहायेगा।।
मुझसे तुम भी वफ़ा हो तो, तुमपे यकीन हो मुझको।
तुमसे अगर मैं प्यार करूँ————————।।