गुरुदीन वर्मा, (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां (राजस्थान)
हसीन तेरी तस्वीर बनाई है नववर्ष में
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हसीन तेरी तस्वीर किसी हर्ष में, बनाई है हमने नववर्ष में।
सम्भालो इसे तुम चाहे तोड़ दो, सजाई है हमने नववर्ष में।।
हसीन तेरी तस्वीर किसी हर्ष —————————-।।
कौन किसको कितना यहाँ चाहता है, हमें कुछ नहीं है इसकी खबर।
तुम हो वफ़ा हमसे मालूम नहीं, हम है वफ़ा तुमसे बहुत मगर।।
हमपे यकीन हो तुमको दोस्त, जमाई है महफ़िल नववर्ष में।
हसीन तेरी तस्वीर किसी हर्ष —————————–।।
खता कोई भी हो हमसे हुई है, करेंगे नहीं हम भूल अब ऐसी।
होगी पसंद जो तुमको दिल से, करेंगे तुमसे बातें अब वैसी।।
नाराज नहीं हो तुम इससे, सजाई है तेरी राह नववर्ष में।
हसीन तेरी तस्वीर किसी हर्ष ——————————।।
रहो तुम कहीं भी, हमारी दुहा है, खुश तुम हमेशा वहाँ रहे।
कोई गम तेरे दामन में नहीं हो, आबाद तुम हमेशा वहाँ रहे।।
रोशन रहे तू हर देश में, जलाई है शमां नववर्ष में।
हसीन तेरी तस्वीर किसी हर्ष ————————–।।