सड़कों से गालों का रिश्ता…!

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संजय एम. तराणेकर

(कवि, लेखक व समीक्षक)

इन्दौर, (मध्यप्रदेश)

 

 

सड़कों से गालों का रिश्ता…!

 

तय किया लालू ने किस्सा,

सड़कों से गालों का रिश्ता।

वो एक ही थी मालिनी,

सड़क ना हुई शालिनी।

नीतिश तो भए कृपालिनी,

सत्ता हो गई स्थानांतरिणी।

 

तय किया लालू ने किस्सा,

सड़कों से गालों का रिश्ता।

बिधूड़ी कौनसे है फरिश्ता,

प्रियंका के गालों की निष्ठा।

रमेश बदल रहे है रिश्ता,

आतिशी मन आँसू में भिगता।

 

तय किया लालू ने किस्सा,

सड़कों से गालों का रिश्ता।

बिधूड़ी सालों बाद दे जवाब,

विपक्षी तो हो गए है नवाब।

सब पडे़ है पीछे मांगों माफी,

हो गया प्रचार यहीं था बाकी।

 

 

 

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