गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां(राजस्थान)
गांव मं सक्रयात(मकर संक्रांति)पे
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(शेर)- देखो गांव मं सक्रयात, लोग कस्या मनावैं हैं।
काई काई खेल सक्रयात पे, गांव मं होवैं हैं।।
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आवो जी आवो तैं, गांव मं सक्रयात पे।
देखो जी तैं नजारा, गांव मं सक्रयात पे।।
आवो जी आवो तैं ———————-।।
खाटो-पुड़ी गांव मं, सक्रयात पे बणावैं हैं।
लावणा खेता मं डालबा, सक्रयात पे जावैं हैं।।
बैलगाड़ी री दौड़ होवैं हैं, गांव मं सक्रयात पे।
देखो जी तैं नजारा, गांव मं सक्रयात पे।।
आवो जी आवो तैं ———————-।।
गुल्ली डंडा खेलें हैं, सक्रयात पे गांव मं।
कुश्ती कबड्डी खेलें हैं, सक्रयात पे गांव मं।।
हाँ, देशी खेल होवैं हैं, गांव मं सक्रयात पे।
देखो जी तैं नजारा, गांव मं सक्रयात पे।।
आवो जी आवो तैं ———————-।।
बहण-बेटी नूं घर पे, सक्रयात पे बुलावैं हैं।
दान-पुण्य री रीत भी, सक्रयात पे निभावैं हैं।।
करो दर्शण संस्कृति रा, गांव मं सक्रयात पे।
देखो जी तैं नजारा, गांव मं सक्रयात पे।।
आवो जी आवो तैं ———————-।।