हरी राम यादव, सूबेदार मेजर (आनरेरी)
अयोध्या, उ. प्र.।
वीरगति दिवस
राइफल मैन रोहिताश कुमार।
इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने दृढ निश्चय, कठिन परिश्रम और लगन से अपनी राह खुद बनाते हैं और वह राह उनके परिवार की उन्नति, सामाजिक प्रतितिष्ठ और नाम को आगे ले जाने का कारण बनती है। अपने परिश्रम, ईमानदारी और काम के प्रति समर्पण की भावना से ऐसे लोग अपने नाम के साथ साथ अपने परिवार, समाज और देश के नाम को अनंतकाल के लिए चिर अमर कर जाते है। योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की भूमि पर एक किसान परिवार में जन्मे, एक ऐसे ही यौद्धा ने अपने कर्तव्यों की बलिबेदी पर अपना शीश समर्पित कर, देश के इतिहास के पन्नो में अपना नाम लिखाया-उनका नाम है राइफल मैन रोहिताश कुमार।
वर्ष 2018 के दौरान अरुणाचल प्रदेश में कई विद्रोही समूह सक्रिय थे, जो कि सुरक्षा बलों के ऊपर पूर्व नियोजित हमले करते थे। उस क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को हमेशा उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखना होता था। नियमित आधार पर खुफिया रिपोर्टों और स्थानीय संपर्कों के आधार पर उग्रवाद विरोधी कार्यवाही करनी होती थी । 28 मार्च, 2018 को राइफल मैन रोहिताश कुमार अपने साथियों के साथ अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में गश्ती ड्यूटी पर थे और पूरी तरह चौकन्ने होकर अपने काम को अंजाम दे रहे थे । शाम को सुबह लगभग 4:40 बजे उनका गश्ती दल एक बारूदी सुरंग की चपेट में आ गया। बारूदी सुरंग की चपेट में आने से राइफल मैन रोहिताश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में वह वीरगति को प्राप्त हो गए । राइफल मैन रोहिताश कुमार का 30 मार्च 2018 को उनके गृह नगर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राइफल मैन रोहिताश कुमार सेना के एक सपर्पित सिपाही थे, जिन्होंने 20 साल की छोटी से उम्र और 02 वर्ष 03 माह की सेवा में देश सेवा में अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।
राइफल मैन रोहिताश कुमार का जन्म 01 जुलाई 1996 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नागला लोका गांव में श्रीमती राम मूर्ति देवी और श्री पप्पू सिंह के यहाँ हुआ था। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जगदीशपुर के जे.पी. शर्मा इंटर कालेज स्कूल से पूरी की। आसपास का माहौल सेना का होने के कारण उनकी सैनिक जीवन में गहरी रुचि थी, वह स्कूल के दिनों में एक अच्छे एथलीट थे और अक्सर दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद और अन्य ट्रैक स्पर्धाओं में पुरस्कार जीतते थे। वह 19 साल की उम्र में 21 दिसम्बर 2015 को भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स में भर्ती हो गए । अपना प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात 20 अक्टूबर 2016 को वह 5 राजपूताना राइफल्स में पदस्थ हुए । वर्ष 2018 में उनकी तैनाती उत्तर पूर्व क्षेत्र में तैनात 77 इन्फैंट्री ब्रिगेड में हुई। वह सेना में भी मैराथन और क्रॉस कंट्री दौड़ के खिलाडी रहे हैं।
राइफल मैन रोहिताश कुमार के परिवार में उनकी माता श्रीमती राम मूर्ति देवी, पिता श्री पप्पू सिंह, भाई भगवान सिंह और एक बहन रोहितानी कुमारी हैं। वह अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। राइफल मैन रोहिताश कुमार के बलिदान को अमर बनाने के लिए उनके गांव को खानपुर चौराहे से जाने वाली सड़क का नामकरण उनके नाम पर किया गया है।