भगवान महावीर स्वामी की समकालीन विश्व में प्रासंगिकता।

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संजय सोंधी (उपसचिव)

भूमि एवं भवन विभाग, दिल्ली सरकार।

 

भगवान महावीर स्वामी की समकालीन विश्व में प्रासंगिकता।

 

भगवान महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर, एक ऐसी महान हस्ती हैं जिनके उपदेश आज के जटिल और तेजी से बदलते विश्व में भी प्रासंगिक हैं। 599 ईसा पूर्व में वर्तमान बिहार में जन्मे महावीर ने अपने जीवन और दर्शन से मानवता को एक ऐसी राह दिखाई जो हिंसा, असमानता और पर्यावरण संकट जैसी आधुनिक चुनौतियों का जवाब देती है। उनके सिद्धांत कठोर लेकिन करुणामयी जीवनशैली पर आधारित हैं, जो आज के समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

जैन धर्म ईश्वर की अवधारणा में विश्वास नहीं करता। महावीर ने सिखाया कि ब्रह्मांड अनादि और स्वयं-स्थायी है, जो प्राकृतिक नियमों से संचालित होता है। आज के विज्ञान और तर्क आधारित युग में यह दृष्टिकोण धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी मूल्यों से मेल खाता है। यह व्यक्तियों को अपने कर्मों की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करता है, जो आत्मनिर्भरता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है। ईश्वर से परे यह दर्शन सभी लोगों के लिए खुला है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बन जाता है।

महावीर का जैन धर्म लोकतांत्रिक है, क्योंकि यह मतभेदों को स्वीकार करता है। ‘अनेकांतवाद’ का सिद्धांत कहता है कि सत्य बहुआयामी होता है। आज के ध्रुवीकृत विश्व में, जहां वैचारिक टकराव आम हैं, यह सिद्धांत सहिष्णुता और संवाद को प्रोत्साहित करता है। यह हमें सिखाता है कि विभिन्न दृष्टिकोणों से सत्य को समझा जा सकता है, जो आधुनिक समाज में शांति और समझ के लिए जरूरी है।

जैन धर्म अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अस्तेय और अपरिग्रह जैसे मूल्यों पर जोर देता है। ये सिद्धांत व्यवहार और विचारों में शुद्धता लाते हैं, लेकिन इनका पालन करना कठिन है। आज के उपभोक्तावादी युग में, जहां भौतिक सुख और स्वार्थ हावी हैं, ये सिद्धांत चुनौतीपूर्ण लगते हैं। फिर भी, जलवायु संकट और सामाजिक असमानता के दौर में अहिंसा और अपरिग्रह जैसे मूल्य स्थायी जीवन का आधार बन सकते हैं।

जैन धर्म में महिलाओं को उचित सम्मान मिलता है, जैसा कि मल्लिनाथ, एकमात्र महिला तीर्थंकर, के उदाहरण से पता चलता है। यह लैंगिक समानता के लिए आज के संघर्षों से जुड़ता है। साथ ही, महावीर ने विचारों की शुद्धता पर बल दिया, जो मानसिक शांति और आत्म-नियंत्रण के लिए जरूरी है। इस तरह, महावीर का दर्शन आधुनिक विश्व में शांति, समानता और नैतिकता का मार्ग प्रशस्त करता है।

 

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