
कुलदीप सेमवाल (एडवोकेट)
देहरादून ,उत्तराखण्ड।
भारतीय राजनीति में युवाओं कि भूमिका।
भारतीय राजनीति में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है,भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, ओर अपनी युवा जनसंख्या के कारण विशेष महत्व रखता है। देश की कुल जनसंख्या का लगभग 65% हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु के युवाओं का है ।यह एक सार्भोमिक और अटल सत्य है कि
युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह होता है, जो राजनीति में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। वे समाज की समस्याओं को नई दृष्टि से देख सकते हैं और उनके समाधान के लिए नए विचार प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा, आज का युवा तकनीकी रूप से सशक्त है, जो राजनीति में डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों को और अधिक गति दे सकता है।
हालांकि, भारतीय राजनीति में युवाओं के लिए कई चुनौतियां हैं। पहली और सबसे बड़ी चुनौती है वंशवादी राजनीति। राजनीति में प्रवेश करने के लिए पारंपरिक परिवारों और पार्टियों का समर्थन होना अक्सर अनिवार्य माना जाता है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी भी युवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है। जो युवा राजनीतिक परिवारों से नहीं होते हैं उनको अपना राजनीतिक भविष्य स्थापित करने मे समय लगता है किंतु यदि वह समाजसेवा के भाव से राजनीत करे तो वह समाज मैं एक प्रमुख छवि के राजनेता बन कर सामने आते हैं।
युवाओं को राजनीति में लाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, युवाओं को राजनीति और लोकतंत्र की महत्ता के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। स्कूल और कॉलेज स्तर पर नागरिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि युवा राजनीति को बेहतर तरीके से समझ सकें। इसके अलावा, राजनीतिक पार्टियों को युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिकाओं में शामिल करना चाहिए।
राजनीति में युवाओं की भागीदारी के लिए कुछ आसान कदम हैं।
राजनीति में युवाओं की भागीदारी को सुनीशचित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदू।
1. ‘राजनीतिक शिक्षा’: राजनीति के बारे में जानें, राजनीतिक दलों के बारे में पढ़ें, और राजनीतिक प्रक्रियाओं को समझें।संविधान पर अपनी पकड़ मज़बूत करे
2. ”राजनीतिक शोध करें”: राजनीतिक मुद्दों पर शोध करें और अपने निष्कर्षों को साझा करें।राजनीतिक नेताओं से संपर्क में रहें ओर राजनीतिक नेताओं के साथ चर्चा करें।
3. ”सोशल मीडिया की उपयोगीता”: सोशल मीडिया का उपयोग करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करें और अपने विचारों को साझा समाज मे साजा करें।
4. “राजनीतिक दलों में शामिल हों”: अपने पसंदीदा राजनीतिक दल में शामिल हों और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लें।
5 “राजनीतिक चर्चा में भाग लें”: राजनीतिक चर्चाओं में भाग लें, जैसे कि टीवी डिबेट, सोशल मीडिया पर चर्चा आदि।युवा विधान सभा, युवा संसद आदि सामाजिक मंचों मे भाग लेना ।
6. ‘वोट दें’: अपने मतदान अधिकार का प्रयोग करें और अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दें। और मतदान केंद्रों पर समजा सेवा का कार्य करें।
7. ‘राजनीतिक नेतृत्व में भाग लें’: राजनीतिक दलों में नेतृत्व की भूमिका निभाएं, राजनीतिक सभाओं मे भाग लेना ,राजनेता के भाषण सुनना जैसे आदि आदि कार्य ।
8. ‘राजनीतिक कार्यकर्ता बनें’: राजनीतिक दलों के लिए कार्यकर्ता बनें और उनकी गतिविधियों में भाग लें।
9.‘सामुदायिक सेवा’: समाज के हर समुदाय और वर्ग के लिए सामुदायिक सेवा और कार्यों में भाग लें, जैसे कि स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर आदि।
इन कदमों को उठाकर, युवा राजनीति में भागीदारी कर सकते हैं और अपने देश को भविष्य मे विकासशील से विकसित देश बनने में मदद कर सकते हैं।
निष्कर्ष :
भारतीय राजनीति में युवाओं की भूमिका न केवल समय की मांग है, बल्कि यह देश के उज्जवल भविष्य के लिए भी आवश्यक है। युवा शक्ति, जो ऊर्जा, नवीनता, और साहस का प्रतीक है, राजनीति में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।