
ब्यूरो कुमाऊंः दयानन्द कठैत अल्मोड़ा।
मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों की गैरमौजूदगी कोई प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि जिम्मेदारी और कर्त्तव्य मौन हत्या है- संजय पांडे।
अल्मोड़ाः समाजिक कार्यकर्त्ता संजय पांडे का कहना है कि जिस मां को समय पर इलाज नहीं मिला, उसकी असामयिक मौत मेरी चेतना बन चुकी है इसलिए अब मैं किसी और मां को मरने नहीं दूंगा। उन्होंने ये बात अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था में भारी खामियों को लेकर कही है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.सी पी भैसोड़ा से औपचारिक भेंट कर संस्थान में कार्डियोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विशेषज्ञों की नियुक्ति न होने गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लोगों को दिल का दौरा पड़ने और सिर की चोट लगने से बहुत अधिक मौत हो रही हैैं, इसका मुख्य कारण है मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में उक्त विशेषज्ञों की नियुक्ति न होना है। उन्होंने कहा कि दूर दराज से आने वाले मरीजों को न तो समय पर सेवा मिल पाती है और न सही मार्गदर्शन ही मिल पाता है। प्राचार्य ने इस पर संज्ञान लेते हुए, संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण लेने और सुधार की बात कही।
श्री संजय पांडे ने सरकार /मंत्रियों से कहा कि वे केवल भाषणों में स्वास्थ व्यवस्थाओं की बात करते हैं लेकिन हकीकत में ये बातें सब शून्य रहती हैं। उन्होंने कहा कि जिस जनता के वोट से सरकार बनती हैं उसी जनता की अनदेखी की जाती है सरकार द्वारा। उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत जागने और जनसुविधाओं को बहाल करने की अपील की है।