हेमन्त खुटे।
“शतरंज की बिसात पर चमकता नन्हा सितारा” ‘अनीश सरकार’।
प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती इस बात को साबित कर दिखाया है कोलकाता के नन्हे से शतरंज खिलाड़ी अनीश सरकार ने। महज 3 साल की अल्पायु में फीडे रेटिंग हासिल कर दुनिया के सबसे यंगेस्ट खिलाड़ी के रूप में इतिहास रच दिया। उन्होंने मात्र 3 साल 8 महीने 19 दिन की उम्र में फीडे रेटिंग हासिल करके दुनिया के सबसे कम उम्र के रेटेड शतरंज खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड उत्तराखंड के शतरंज खिलाड़ी तेजस तिवारी के नाम था जिसने साढ़े पांच वर्ष की उम्र में शतरंज की दुनिया में अपना परचम लहराया था।
“शतरंज का सफर”
अनीश का शतरंज का सफर 1 साल पहले ही शुरू हुआ है। अनीश की मां ने शतरंज की बिसात और मोहरे उन्हें लाकर दिए थे ताकि शतरंज खेल के प्रति बचपन से ही उनके अंदर दिलचस्पी व ललक पैदा किया जा सके। अनीश की मां के अनुसार यूट्यूब चैनलों के जरिए शतरंज के वीडियो की ओर उनका आकर्षण बढ़ा। इनकी जिज्ञासा को दृष्टिगत रखते हुए भारत के भूतपूर्व राष्ट्रीय चैंपियन ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ के सान्निध्य में उन्हें शतरंज का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
“सफलता की ऊंची उड़ान के लिए मेहनत जारी”
सच्ची लगन, दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के गुण यदि आपके अंदर विद्यमान है तो निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी। बरुआ के कथानानुसार “हमने उसे एक विशेष समूह में रखा है जहां वह 7 से 8 घंटे का प्रशिक्षण ले रहा है। एक बार जब वह बोर्ड में बैठ जाता है तो उठता नहीं है। उनका ध्यान वास्तव में आश्चर्य जनक है।”
“शतरंज खेलने से पढ़ाई में लाभ”
शतरंज खेलने से दिमागी क्षमता विकसित होती है। नई सोच का विकास होता है। विषय वस्तु को समझने में सहायता मिलती है।यही सोचकर उसके माता-पिता उन्हें शतरंज अकादमी में भर्ती कराने ले गए थे। उनका कहना था कि अनीश आगे चलकर शतरंज खेले या न खेले ,लेकिन इसे सीखने से दिमाग थोड़ा तेज हो जायेगा जो कि पढ़ाई में काम आएगा। उन्हें क्या पता था कि एक दिन वही बालक शतरंज की बिसात पर ऐसा दिमाग दौड़ाएगा कि शतरंज जगत में इतिहास रच देगा।
“परिवार में कोई पेशेवर शतरंज खिलाड़ी नही”
अनीश की मां आर सरकार ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमारे परिवार में शतरंज के कोई पेशेवर खिलाड़ी नही है। परिवार का शतरंज से दूर – दूर तक कोई नाता नहीं । उनके पिता शौकिया तौर पर शतरंज खेलते है । पिता ने ही शतरंज की बुनियादी जानकारी दी। पिता से ही प्रारंभिक जानकारी के बाद अनीश ने यूट्यूब पर शतरंज के वीडियो देखकर अपने गेम को निखारा है।
“ट्रायल में किया प्रशिक्षकों को अचंभित”
कोलकाता में संचालित दिब्येंदु बरुआ की शतरंज अकादमी में अमूमन 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं लिया जाता है लेकिन अनीश के ट्रायल के दरमियान अपने करिश्माई खेल से वहां के प्रशिक्षकों को दंग कर दिया। इस तरह अनीश के अद्भुत व हैरत अंगेज कारनामे से अकादमी में एंट्री मिली।
“अनीश की इलो रेटिंग”
अनीश की इलो रेटिंग 1555 है। यह रेटिंग वर्ल्ड चेस फेडरेशन (फीडे) द्वारा दी जाती है। आरंभिक रेटिंग 1400 से शुरू होती है जिसे अर्जित करने के लिए पांच रेटेड खिलाड़ियों के विरुद्ध कम से कम एक या डेढ़ अंक पाना होता है। अनीश ने अपने उम्दा प्रदर्शन के चलते पांच रेटेड खिलाड़ियों के खिलाफ 2 अंक प्राप्त कर 1555 की रेटिंग प्राप्त की। यह सफलता उन्हें पिछले नवंबर माह में वेस्ट बंगाल में आयोजित अंडर – 9 केटेगरी की स्पर्धा में मिली ।
“विलक्षण प्रतिभा के धनी”
भारतीय ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ अनीश की विलक्षण प्रतिभा गॉड गिफ्टेड (ईश्वर प्रदत्त) मानते है। बरुआ कहते है कि अनीश की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे किसी भी चीज को बहुत जल्दी समझ व सीख लेता है।उसका दिमाग बहुत तेज है।
“कार्लसन अनीस के रोल मॉडल”
कोलकाता से लगे हुए उत्तर 24 परगना जिले के कैखली इलाके के रहने वाले अनीश का जन्म 26 जनवरी 2021 को हुआ। वह स्थानीय सेंट जेम्स स्कूल में नर्सरी का छात्र है। उसके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक व माता सामान्य गृहणी है।
अनीश शतरंज की दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन को अपना असली हीरो व आदर्श मानते है।
गत माह 13 से 17 नवम्बर 2024 को टाटा स्टील चेस इंडिया टूर्नामेंट में खेलने के लिए जब कार्लसन कोलकाता आए थे तब अनीश से इनकी मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद कार्लसन अनीश की प्रतिभा देख मुग्ध हो गए थे। उन्होंने अनीश को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी। भारत के गौरव विश्वनाथन आनंद, दिव्येंदु बरुआ,अर्जुन एरिगेसी और सूर्यशेखर गांगुली को भी अनीश अपना पसंदीदा खिलाड़ी मानते हैं। (विनायक फीचर्स)