सशत्र सेवा बल के स्थापना दिवस पर कमांडेंट सुवर्णा सजवाण को गृहमंत्री ने पुलिस पदक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।

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मीडिया प्रभारीः डा. हरीश गौड़।

 

महिला सशक्तिकरण की मिसाल।

 

 सशत्र सेवा बल के स्थापना दिवस पर कमांडेंट सुवर्णा सजवाण को गृहमंत्री ने पुलिस पदक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।

 

• इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर

राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्म ने पुलिस पदक प्रशस्ति पत्र से किया सम्मानित

 

• क्षेत्रीय लोगों तथा पारिवारिक सदस्यों ने की सराहना

 

• महिला सशक्तिकरण हेतु कर रही कार्य।

                देहरादून: सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)के 61 वें स्थापना दिवस पर सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में इसी माह 20 दिसंबर शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने देहरादून निवासी एसएसबी कमांडेंट सुवर्णा सजवाण को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुलिस पदक एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इससे पहले उन्हें राष्टपति ने पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

वर्तमान में सुवर्णा सजवाण पटना में 40 वीं बटालियन एसएसबी की कमांडेंट के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 2002 में सहायक कमांडेंट के पद पर एसएसबी में प्रथम कंबेटाइज्ड महिला अधिकारी के तौर पर शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की थी।

सुभाष नगर देहरादून की निवासी सुवर्णा सजवाण को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सराहनीय सेवाओं के लिए विगत बीस दिसंबर को शुक्रवार को भारतीय पुलिस पदक समेत प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भी इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर उन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

सुवर्णा सजवाण को सम्मान मिलने से उनके निवास सुभाष नगर, देहरादून और ससुराल कांसखेत, पौड़ी गढ़वाल में खुशी की लहर है। उनको यह सम्मान मिलने पर पिता हरीश चंद्र सिंह रावत तथा माता सुरेशी रावत एवं पारिवारिक लोगों, सगे संबंधियों सहित क्षेत्र के लोगो ने प्रसन्नता जतायी है।

उल्लेखनीय है कि सशस्त्र सीमा बल में अपने 22 वर्ष के कार्यकाल के दौरान सुवर्णा सजवाण ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जिसमे मुख्यतः भारत नेपाल बॉर्डर ड्यूटी, ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण देना, बल मुख्यालय में कमांडेंट रिक्रूटमेंट के पद पर रहते हुए कई भर्तियों में अपना अमूल्य योगदान शामिल है।

इन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया है। इन्होंने एसएसबी में महिलाओं को मुख्य धारा में जोड़ने हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाये।वर्तमान में एसएसबी मुख्यतः भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा की सुरक्षा करती है।

 

 

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