प्रभारी सम्पादकः पंकज सीबी मिश्रा, जौनपुर (उ. प्र.)
वापस आ रहा कोरोना से भी खतरनाक वायरस, चीन में आपात स्थिति की आशंका।
जौनपुर : कोविड-19 महामारी को गए अभी ठीक से पांच साल भी पूरा नहीं हुआ कि अचानक 2025 के शुरुआत में चीन से ही एक और सनसनी खेज खबर वायरल हो रही जिसकी पुष्टि लेखक और अखबार नहीं करता किंतु सोशल प्लेटफार्म पर इसे लेकर अफरा तफरी का माहौल ठीक वैसे ही बन रहा जैसे कोरोना महामारी आने से पूर्व बना था तब भी लोगो ने इसे अफवाह ही कहा था। दावे के मुताबिक मौजूदा समय में चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर दावा किया जा रहा है कि देश में वायरस तेजी से फैल रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर दावा है कि नए वायरस ने 18 अलग-अलग देशों में 7,834 लोगों को इंफेक्टेड कर दिया है, जिसके चलते 170 लोगों की मौतें हो गई है। जनपद के पत्रकार और मीडिया विश्लेषक पंकज सीबी मिश्रा ने बताया कि गूगल सर्च के अनुसार मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) पैरामाइक्सोवायरस परिवार का एक हाल ही में पहचाना गया वायरस है, जिसका रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (आरएसवी) भी एक सदस्य है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एसएआरएस-सीओवी-2 हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया है कि चीन इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरसों का सामना कर रहा है, जिससे अस्पतालों और श्मशानों पर बोझ बढ़ गया है। अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है । बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा है और ‘व्हाइट लंग’ के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसकी खोज 2001 में डच वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी और यह ऊपरी तथा निचले श्वसन तंत्र की बीमारी का कारण माना जाता है। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण बढ़ने का दावा किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा दे रहा है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, ये वायरस साल 2001 में खोजा गया था। ये वायरस बढ़ती ठंड के साथ लोगों को संक्रमित करता है। इस वायरस को लेकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने लैब रिपोर्टिंग के लिए प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं। वहीं रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 16 से 22 दिसंबर के बीच संक्रमण तेजी से बढ़ा है। एचएमपीवी आम तौर पर सामान्य सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसे अधिक गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। एचएमपीवी इन्फ्लूएंजा और आरएसवी की तरह वार्षिक मौसमी पैटर्न का अनुसरण करता है, तथा आमतौर पर सर्दियों या शुरुआती वसंत में चरम पर होता है। इस मामले में चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को बताया कि उसने अज्ञात कारणों से होने वाले निमोनिया के मामलों पर नजर रखने के लिए एक खास निगरानी प्रणाली शुरू की है। बयान में बताया गया कि सर्दियों के मौसम में श्वसन रोगों (सांस से जुड़ी बीमारियों) के मामलों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य अधिकारियों को उन बीमारियों से निपटने में मदद करना है, जिनके कारण अभी तक समझ में नहीं आए हैं। चीन में विशेषज्ञों का सुझाव है कि शिशुओं और बुजुर्गों, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनमें मेटान्यूमोवायरस के कारण गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इसके लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू की तरह के ही होते हैं ऐसे में लोग इस संक्रमण को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। 2023 में अमेरिका में भी बढ़े थे मामले तब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के कई हिस्सों में साल 2023 की शुरुआत में फिर उसी साल के मई-जून के महीनों में एचएमपीवी के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे। जानकारी के अनुसार अमेरिका में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के लिए लगभग 11 प्रतिशत पीसीआर और 20 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सकारात्मक आए थे। महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इसकी पॉजिटीविटी दर में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इस वायरल संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए बचाव के लिए उपाय करते रहने की आवश्यकता है।