“सत्य क्या है…?”
सत्य क्या है…?
असत्य क्या है…??सत्य…, सत्य होने से पहले
असत्य होता है…?
असत्य…, असत्य होने से पहले
सत्य हो सकता है…??असत्य… सत्य है
कि सत्य… असत्य है…?सत्य और असत्य
साथ-साथ अस्तित्व में
रह सकता है…??सत्य यह है…,
कि न सत्य…, सत्य है
और न असत्य…, सत्य है ।सत्य… असत्य
केवल भ्रम है…!
शून्य में खो जाता है
शून्य ही शाश्वत है…!!स्वरचित एवं मौलिक
मनोज शाह मानस
नारायण गांव, नई दिल्ली
शुभांगी छंद।
Spread the loveडॉ. रामबली मिश्र वाराणसी। शुभांगी छंद। विरले मनुजा,इस लोक दिखें, जो अति उत्तम,निर्मल हैं। अधिकांश यहाँ,दुख दानव हैं,पाप भरा मन,छल-बल है। विकृत मानस,दूषित नस -नस,घोर विनाशक,हैं…