रुपहले पर्दे पर वेदना की प्रतिमूर्ति मीनाकुमारी।

Spread the love

अंजनी सक्सेना।

 

रुपहले पर्दे पर वेदना की प्रतिमूर्ति मीनाकुमारी।

 

 

रजतपट की रूपहली दुनिया में अभिनेत्रियां आती-जाती रहती हैं। कुछ धमाके के साथ फिल्मी दुनिया में पदार्पण करती है, तो कुछ बिना धूम धड़ाके से इस रूपहली दुनिया में प्रवेश करती है। पर बहुत कम अभिनेत्रियां ऐसी होती है, जो अभिनय के माध्यम से दर्शकों के दिलों पर अधिकार कर लेती हैं। स्वर्गीय मीना कुमारी की गिनती भी ऐसी अभिनेत्रियों में होती है, जिन्हें भारतीय सिनेमा के दर्शक आज तक भुला नहीं पाए हैं।

केवल चार साल की मासूम उम्र से अभिनय के क्षेत्र में अपने कदम रखने वाली मीना कुमारी ने जहां गमगीन नारी के अभिनय के नये कीर्तिमान रचे, वही उनका निजी जीवन भी नीर भरी दुःख की बदली बन गया। अत्यंत गरीबी में पलने वाली मीना कुमारी ने अत्यधिक विवशता में अभिनय शुरू किया था। चार साल की आयु में जब उन्हें पैरों में पैजनियां बांधकर ठुमक ठुमक कर चलना था, तब वे रोशनियों की चकाचौंध में कैमरों के सामने अभिनय करने को विवश थी। उनकी पहली, फिल्म थी लेदर फेस जिसमें वे बाल कलाकार के रूप में आयी थी। इसके अलावा उन्होने एक ही भूल, गरीब, लाल हवेली, बहन और प्रतिज्ञा में काम किया। पहिले वे महजबीन के नाम से अभिनय करती थी। पर एक ही भूल में विजय भट्ट ने उन्हें मीना कुमारी के नाम से प्रस्तुत किया। सन् 1946 में मीना कुमारी, जब केवल 14 वर्ष की थी, तब उन्हें नायिका की भूमिका मिली । नायिका के रूप में उनकी पहली फिल्म थी बच्चों का खेल पर उन्हें नायिका के रूप में असली ख्याति मदहोश से मिली।

इसके बाद मीना कुमारी, कमाल अमरोही के सम्पर्क में आयीं। कमाल अमरोही ‘महल’ बनाकर अच्छी ख्याति अर्जित कर चुके थे। वे अनारकली बना रहे थे। महल की नायिका मधुबाला ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। कमाल अमरोही ने अनार कली में मीना कुमारी को प्रस्तुत किया। इससे फिल्म से जहां मीना कुमारी के अभिनय का डंका बजा, वहीं अत्यंत भावुक एवं संवेदनशील मीना कुमारी कवि एवं कलाकार के रूप में प्रसिद्ध, कमाल अमरोही के प्रेमपाश में बंध गयी। घर वालों के विरोध के बावजूद उन्होंने कमाल अमरोही की दूसरी पत्नी बनना स्वीकार कर लिया। वैवाहिक जीवन मीना कुमारी को रास नहीं आया। कमाल अमरोही और मीना कुमारी के दाम्पत्य संबंधों में दरार आई जो वह रोज की कहा सुनी और मारपीट में परिवर्तित हो गयी। अत्याचारों से दुखी मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से रिश्ते तोड़ लिए और वे एकाकी जीवन बिताने लगी। गम, गुस्सा और अकेलेपन से पीड़ित मीनाकुमारी ने मानसिक तनाव दूर करने के लिए नींद की गोलियां खाना शुरू की। बाद में एक डाक्टर की सलाह पर उन्होने नींद की गोलियों की जगह एक पेग ब्रांडी पीना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद शराब उनकी आदत में शामिल हो गयी।

मीना कुमारी बचपन से ही प्यार, पनाह एवं स्नेह को तलाशती रही। उनकी डायरी में यह दर्द बार-बार उभर कर आया है। उनके जीवन काल में उन्हें गम की प्रतिमूर्ति माना जाता था। उन्हें थामस हार्डो की टेस अथवा शेक्सपियर की ओफेलियो कहा जाता था। राही मासूम रजा ने उन्हें अरस्तू की थ्योरी आफ टेजिक प्लेयर कहा है। गमजदा मीना कुमारी शायर भी थी। उनकी कई गजलों और नज्मों में उनका यह गम उभर कर सामने भी आया है। उनकी इसी तरह की एक गजल थी –

चांद तन्हा, आसमा तन्हा

दिल मिला कहां कहां तन्हा।

बुझ गई आस छूट गया तीर,

थर थराता रहां धुआं तन्हां।

जिन्दगी क्या इसी को कहते हैं

जिस्म तन्हां और जां तन्हां।

हम सफर कोई मिल गया तो क्या

दोनों चलते रहे तन्हां तन्हां।

मीना कुमारी ने भारतीय फिल्म जगत को कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें चित्रलेखा, आरती, फूल और पत्थर, साहिब बीबी और गुलाम, परिणीता और बैजू बावरा के नाम उल्लेखनीय हैं। उन्हें परिणीता और बेजूबावरा में श्रेष्ठ अभिनय के लिए दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिले। ‘पाकीजा’ उनकी अंतिम फिल्म थी, इस फिल्म में उन्होंने बीमारी के बावजूद काम किया तथा अपने उत्कृष्ट अभिनय के नये कीर्तिमान कायम किए। पाकीजा प्रदर्शित हुई और सुपरहिट हुई । यह फिल्म जब भारतीय सिने दर्शकों के मन और मस्तिष्क पर छा रही थी तब मीना कुमारी अपनी जिन्दगी के अंतिम दिन गिन रही थी । उनकी गमजदा जिन्दगी दम तोड़ने जा रही थी, उनके ही शब्दों में –

 

टुकड़े टुकड़े दिन बीता, धज्जी धज्जी रात मिली।

जिसका जितना आंचल था, उसको उतनी सौगात मिली।

(विभूति फीचर्स)

  • Related Posts

    नायक रणजीत सिंह। वीर चक्र (मरणोपरान्त)

    Spread the love

    Spread the loveहरीराम यादव, अयोध्या, उ. प्र.।             वीरगति दिवस:08 अप्रैल             नायक रणजीत सिंह          …

    अब कश्मीर पर नई फिल्म ‘ब्लाइंडसीडेड’।

    Spread the love

    Spread the loveअर्चित सक्सेना।     अब कश्मीर पर नई फिल्म ‘ब्लाइंडसीडेड’। कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ब्लाइंड सीडेड इन दिनों चर्चा में है। कश्मीर में गुप्त ऑपरेशन के…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    उत्तराखंड में हो सकती है बार‍िश, आकाशीय बिजली चमकने की चेतावनी

    • By User
    • April 9, 2025
    • 2 views
    उत्तराखंड में हो सकती है बार‍िश, आकाशीय बिजली चमकने की चेतावनी

    हरिद्वार में एक घर में ब्लास्ट होने से परिवार के पांच लोग घायल

    • By User
    • April 9, 2025
    • 3 views
    हरिद्वार में एक घर में ब्लास्ट होने से परिवार के पांच लोग घायल

    हरियाणा से हरिद्वार आ रही एक कार रानीपुर झाल के समीप डिवाइडर से टकरा गई, एक की मौत; दो गंभीर रूप से घायल

    • By User
    • April 9, 2025
    • 1 views
    हरियाणा से हरिद्वार आ रही एक कार रानीपुर झाल के समीप डिवाइडर से टकरा गई, एक की मौत; दो गंभीर रूप से घायल

    अष्टावक्र-गीता -9

    • By User
    • April 9, 2025
    • 5 views
    अष्टावक्र-गीता -9