ऊखीमठ। पंच केदारो में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की यात्रा का आगाज मंगलवार को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से होगा।
मंगलवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा 10 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर तुंगनाथ धाम के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें! मन्दिर समिति द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से रवाना होने तथा आगामी 10 मई को कपाट खुलने की सभी तैयारियां शुरू कर दी गयी है! जानकारी देते हुए मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि मंगलवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चारण, भक्तों की जयकारों व महिलाओं के धार्मिक मांगल गीतों के साथ शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गाँव के मध्य भूतनाथ मन्दिर पहुंचेगी जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा पुढखी मेले का आयोजन कर भगवान तुंगनाथ को नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जायेगी! उन्होंने बताया कि 8 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर में ही भक्तों को दर्शन देगी।
तुंगनाथ मन्दिर समिति प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि 9 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा पाव, चिलियाखोड, पगेर बनियाकुण्ड यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी तथा 10 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए तुंगनाथ धाम पहुंचेगी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के तुंगनाथ धाम पहुंचने पर तुंगनाथ धाम के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें! उन्होंने बताया कि मन्दिर समिति के पदाधिकारियों व अधिकारियों के निर्देश पर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल से कैलाश रवाना होने तथा आगामी 10 मई को तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।