मणिपुर के जिरीबाम में आतंकी हमले में मारे गए 8 लोग, सीआरपीएफ का एक जवान घायल

Spread the love
नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब जिरीबाम जिले में हिंसा देखी गई है, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने हस्तक्षेप कर कई लोगों की जान बचा ली।

राहत शिविर को निशाना बनाने वाले थे आतंकी

इस घटना पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी बयान सामने आया है। टीवी चैनल एनडीटीवी से बातचीत में बीरेन ने कहा कि ’10 कुकी आतंकवादियों’ ने जिरीबाम के बोरोबेकरा में एक राहत शिविर में घुसने की कोशिश की, जहां 115 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने उनकी योजना को विफल कर दिया।
उन्होंने ये भी कहा कि असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित गांव बोरोबेकरा में 11 नवंबर को केंद्रीय बलों के साथ गोलीबारी में सभी 10 आतंकवादी मारे गए। इस घटना में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया।
सीएम ने आगे कहा कि अगर सीआरपीएफ की तैनाती नहीं होती, तो कई नागरिकों की जान चली जाती। कुकी आतंकवादी रॉकेट लांचर, एके 47 और कई अत्याधुनिक हथियारों के साथ आए थे। उन्होंने पुलिस शिविर पर हमला किया और दो लोगों को मौके पर ही मार डाला।
वे बोरोबेकरा राहत शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां 115 मैतेई नागरिक रह रहे थे। लेकिन सीआरपीएफ द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के कारण जान बच गई। सीएम बीरेन ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आठ निर्दोष लोग मारे गए। हमले में दो की मौत हो गई और तीन छोटे बच्चों सहित छह लोगों का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। 

पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने की मांग

दूसरी ओर मणिपुर के दस कुकी विधायकों ने लूटे गए हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने की मांग की है। इन विधायकों में राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सात विधायक भी शामिल हैं। 

इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में दोबारा अफस्फा लागू करने की मांग को लेकर इंफाल घाटी में प्रदर्शन किए गए। जबकि राज्य के पांच जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई। 

बता दें कि हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को फिर से लागू कर दिया गया है।

  • Related Posts

    बढ़ते अत्याचार टूटते परिवार, कौन जिम्मेदार? 

    Spread the love

    Spread the loveअंजनी सक्सेना।      बढ़ते अत्याचार टूटते परिवार, कौन जिम्मेदार?    प्रकृति ने स्त्री और पुरुष के अत्यंत संतुलित,संयमित व सर्वोत्तम संयोग से इस सृष्टि की संरचना की…

    संसद के कलुषित परिवेश का जिम्मेवार कौन? 

    Spread the love

    Spread the loveप्रियंका सौरभ  रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)            संसद के कलुषित परिवेश का जिम्मेवार कौन?  संसद…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 3 views
    ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।

    ऊखीमठः भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर मे सात वर्षो बाद आयोजित पाण्डव नृत्य का दुर्योधन वध व पाण्डवो के अस्त्र- शस्त्र विसर्जित के साथ हो गया है ।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 6 views
    ऊखीमठः भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर मे सात वर्षो बाद आयोजित पाण्डव नृत्य का दुर्योधन वध व पाण्डवो के अस्त्र- शस्त्र विसर्जित के साथ हो गया है ।

    बढ़ते अत्याचार टूटते परिवार, कौन जिम्मेदार? 

    • By User
    • December 23, 2024
    • 3 views

    दुआ

    • By User
    • December 23, 2024
    • 5 views
    दुआ

    संसद के कलुषित परिवेश का जिम्मेवार कौन? 

    • By User
    • December 23, 2024
    • 5 views
    संसद के कलुषित परिवेश का जिम्मेवार कौन? 

    अपराध की होगी सर्जरी, जनपद में नए पुलिस कप्तान की तैनाती।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 5 views
    अपराध की होगी सर्जरी, जनपद में नए पुलिस कप्तान की तैनाती।