भटवाड़ी (उत्तरकाशी) कुशलता प्रसाद रतूड़ी
चार धाम यात्रा का आगाज हो गया लेकिन आशा से अधिक यात्रियों का आने से शासन प्रशासन के हाथ पैर फूल रहे हैं
उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धाम बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट तो खुल गये लेकिन आशा से अधिक यात्रियों के आने से शासन प्रशासन यात्रा संचालन की व्यवस्था को लेकर नाकाम साबित हो रहा है । प्रत्येक वर्ष शासन यात्रा को व्यवस्थित संचालन के बड़े बड़े दावे कर प्रशासन को उठकर बैठक करवाता है लेकिन यात्रा के शुरूआत में ही सभी दावों की पोल खोल दी न तो शासन ने वह नहीं प्रशासन ने स्थानीय आधार पर यों कहें कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के आधार पर कोई ठोस रणनीति यात्रा संचालन को लेकर बनाई जिससे आशा के विपरित यात्रियों के चारों धामों के लिए पहुंचने पर शासन प्रशासन के हाथ पैर फुलते नजर आ रहे हैं वहीं गंगोत्री धाम की बात करें तो यात्रियों की तादाद को देखते हुवे जाम न लगे इसके लिए प्रशासन ने जगह-जगह पर यात्रियों को रोक कर रखने व समय अनुसार संचालन करने का निर्णय भी आनन-फानन लिया गया दिख रहा है ठोस रणनीति न होने से यात्रियों को 10-10 घंटे खड़ा रहना पड़ रहा है जिससे यात्रियों को न तो खाना मिल पा रहा है और नहीं रहने का ठिकाना । यदि आलवेदर योजना से क्षैत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ होता तो ऐसी स्थिति न बनती इससे सबसे ज्यादा अगर किसी को नुक्सान हो रहा है वह सेना के वाहनों को जो जाम के कारण अपने गंतव्य तक समय से नहीं पहुंच पा रहे । इसलिए यहां सड़क का चौड़ीकरण होना अति आवश्यक है । साथ ही सरकारी व्यवस्था के कारण व्यवसायों को भी काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है ।