काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
अनमोल रिश्ते
प्यार के अनमोल रिश्ते हैं सनातन।
प्यार नूतन दिव्य बंधन अद्यतन धन।
प्यार का सम्बन्ध अतिशय नित अगम है।
प्यार का मिलना सँवरना शुभ अटल मन।
प्यार सच्चा मूल्य उत्तम चमचमाता।।
प्यार का संदेश वन्दन गंध चन्दन।
प्यार का अहसास अमृत धार अनुपम।
प्यार जीवन लक्ष्य मौलिक भव्य मन- वन।
हो तभी अनुभव सहज मधु प्यार का जब।
हो हृदय उन्मुक्त उज्ज्वल स्वच्छ पावन।
वासना होती नहीं स्वीकार रब को।
प्यार ही साकार रिश्ता तौल मधुवन।
आत्म का साम्राज्य स्वीकृत सत शिवम है।
स्वप्न चिंतन सभ्य मन्थन स्तुत्य क्रंदन।