गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां (राजस्थान)
कह दो हँसकर अलविदा तुम(अलविदा 2024)
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कह दो हँसकर अलविदा, तुम सभी मुझको।
खुश हमेशा रखें रब, तुम सबको।।
गर हुई हो खता, मुझसे कभी भूल से।
माँगता हूँ माफी मैं, माफ कर दो मुझको।।
कह दो हँसकर अलविदा————————-।।
गुजर गए दिन अब तक कैसे, नहीं मालूम।
कैसे होंगे सपनें भविष्य में, नहीं मालूम।।
मगर हो सभी के अच्छे दिन, भविष्य में।
रखें आबाद और सुखी, खुदा तुम सबको।।
कह दो हँसकर अलविदा——————–।।
सलामत रहें भाईचारा हमेशा, अपने वतन में।
नहीं बलवें हो कल जाति- धर्म के, अपने वतन में।।
मोहब्बत के गूँजे तरानें, वतन की फिजाओं में।
सच यही है उम्मीद, तुम सभी से मुझको।।
कह दो हँसकर अलविदा——————-।।
गर याद आये मेरी तो, तुम यह कर लेना।
मेरे लिखें ये गीतों- गजल, तुम सुन लेना।।
आँसू बहे नहीं किसी आँख से, यही चाहता हूँ।
चलता हूँ अब मैं, अलविदा कहकर तुम सबको।।
कह दो हँसकर अलविदा———————-।।