
गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां (राजस्थान)
मुझसे दूर जाने से पहले तुम
———————————————————–
(शेर)- मैं मानता हूँ , कसूर मेरा भी है, इस सच से मैं इनकार नहीं करूंगा।
जो कहना है तुमको, वह आज तुम कह दो, मैं जरूर उसको सुनूंगा।।
मैं भी चाहता हूँ कि सच्चाई क्या है, उसका फैसला आज हो जाये।
हिम्मत यही तुझमें भी हो, क्योंकि असलियत मैं भी बेपर्दा करुंगा।।
———————————————————-
मुझसे दूर जाने से पहले तुम।
सुन लो जरा, यह सच भी तुम।।
मुझसे दूर जाने से—————-।।
किस बात पर, मुझसे खफा हो गये।
बताओ वजह, क्यों तुम जुदा हो गये।।
क्या रह सकोगे तुम, मेरे बिना।
प्रीत जरा कल की, देख लो तुम।।
मुझसे दूर जाने से————–।।
क्यों पहले, इतनी वफ़ा की थी।
मोहब्बत क्यों तुमने, हमको दी थी।।
तुमको भी कहेंगे, कल हम बेवफ़ा।
कसम कल की, याद कर लो तुम।।
मुझसे दूर जाने से————–।।
अब हम किसी पर, यकीन नहीं करेंगे।
मुलाकात तुमसे भी, कल नहीं करेंगे।।
माना था हमने तो, तुमको हर खुशी।
खुशियां हमारी, वापिस कर दो तुम।।
मुझसे दूर जाने से—————।।