
हरी राम यादव, बनघुसरा, अयोध्या, (उ. प्र.)
प्रतिभा साधन सुविधा की मोहताज नहीं।
लखनऊः प्रतिभा साधन और सुविधा की मोहताज नहीं होती, बस मन में निश्चय और लगन हो तो हर उस कार्य को सिद्धि तक पहुंचाया जा सकता है जो असंभव दिखता है, इसको सिद्ध करके दिखाया है लखनऊ की तहसील बीकेटी के गांव सारंगपुर की बेटी रूचि यादव ने।
अभी हाल ही में इनका एक शोध पत्र – “स्वतंत्र भारत में पर्यावरण : एक नवीन विवेचनात्मक अध्ययन” अंतरराष्ट्रीय रेफरीड रिसर्च जर्नल रिसर्च डिस्कोर्स में प्रकाशित हुआ है जो कि इनकी प्रतिभा, शिक्षा के प्रति समर्पण और लेखन क्षमता, को दर्शाता है।
ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी रुचि यादव 6 भाई बहनों के परिवार में चौथे नंबर पर आती हैं। इनकी माता श्रीमती रमा देवी गृहणी और पिता श्री भरत प्रसाद किसान हैं। रूचि यादव पढ़ाई के साथ साथ अपने पिता के साथ कृषि कार्यों तथा मां के साथ घर के कार्यों में भी हाथ बंटाती हैं। एक किसान की व्यथा किसी से छुपी नहीं है, घर में तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद इन्होंने अपने उद्देश्य को पाने में दिन रात एक कर दिया है। संघर्षों से जूझते हुए सफलता की ओर यह आगे बढ़ रही है।
रुचि यादव ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर हाईस्कूल तथा इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण किया है और भाषा विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण किया। यह भूगोल विषय में परास्नातक हैं l परास्नातक की पढ़ाई के दौरान रुचि ने माडल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
बचपन से ही इनका रुझान भारतीय सेना की ओर है। सेना की वर्दी ने इन्हें हमेशा अपनी ओर आकर्षित किया है। यह एन सी सी की सी प्रमाण पत्र धारक कैडेट भीं है, इन्होंने 20 यूपी एन सी सी गर्ल्स बटालियन से यह परीक्षा पास की थी। इन्हें बेस्ट एन सी सी कैडेट्स के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है ।सेना के साथ साथ शोध और लेखन में इनकी विशेष रुचि है।
इनकी उपलब्धियों को देखते हुए इन्हें दो सामाजिक संगठनों द्वारा अवॉर्ड के लिए नामित किया गया है। इनका सपना प्रशानिक अधिकारी बनकर राष्ट्र की सेवा करना है।