कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी, महावीर चक्र (मरणोपरान्त)।

Spread the love

हरी राम यादव, अयोध्या, उ. प्र.। 

           वीरगति दिवस विशेष

कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी, महावीर चक्र (मरणोपरान्त)।

सन् 1999 में सेना आयुध कोर के कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी 12 बिहार रेजिमेंट के साथ सम्बद्धता पर तैनात थे और 12 बिहार रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर में तैनात थी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगी हुई थी । कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी 12 बिहार रेजिमेंट की घातक टीम के प्लाटून कमांडर थे और जम्मू-कश्मीर में स्थित फौलाद पोस्ट पर तैनात थे । 09 नवंबर 1999 को पाकिस्तानी सेना ने तोपखाने से गोले बरसाने शुरू किया । पाकिस्तानी सेना इस हमले की आड़ में कुछ बड़ी कार्यवाही करना चाहती थी । इस तरह के हमलों की आड़ में की जाने वाली कार्यवाही से भारतीय सेना भलीभांति परिचित है । उनकी टीम ने इस हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया । कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी ने दुश्मन द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही से निपटने के लिए अपने लोगों को सुदृढ़ता पूर्वक तैनात किया। दुश्मन द्वारा लगातार की जा रही कार्यवाही को सदा के लिए समाप्त करने के लिए, भारतीय सेना ने एक समन्वित ऑपरेशन शुरू करने का फैसला किया।

कैप्टन सूरी ने 09 नवंबर 1999 को अपने साथियों के साथ दुश्मन के बंकरों को एक-एक करके तबाह करने की योजना के अनुसार ऑपरेशन शुरू किया और इस प्रक्रिया में उनका एक सैनिक बुरी तरह घायल हो गया। कैप्टन सूरी ने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए अपनी एके 47 राइफल से दुश्मन के दो सैनिकों को मार गिराया और दुश्मन की मशीनगन को खामोश कर दिया। इस कार्यवाही के दौरान कैप्टन सूरी के हाथ में गोलियों लग गयीं और वह बुरी तरह घायल हो गए । अपनी चोट की परवाह किए बिना उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व करना जारी रखा और एक बंकर में दो हथगोले फेंके। इसके बाद वह बंकर में घुस गए और दुश्मन पर गोलियां बरसाने लगे और उन्होंने दुश्मन के एक और सैनिक को मार गिराया। इसी दौरान दुश्मन ने उनके ऊपर रॉकेट लांचर से हैण्ड ग्रेनेड फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए । उनके साथी उनको वहां से सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहते थे लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया और अपनी चोट की परवाह ना करते हुए उन्होंने अपने सैनिकों का नेतृत्व जारी रखा ।

असाधारण साहस और सैन्य नेतृत्व का प्रदर्शन करते हुए कैप्टन गुरजिंदर सूरी राष्ट्र की सेवा में 25 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त हो गए। कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी को दुश्मन के सामने असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र (मरणोपरांत) तथा इस ऑपरेशन में वीरता से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त सिपाही मनोज कुमार सिंह, सिपाही बीरेंद्र कुमार और लांस नायक बीरेंद्र नाथ तिवारी को क्रमशः वीर चक्र (मरणोपरांत), और मेंशन-इन-डिस्पैच (मरणोपरांत) प्रदान किया गया । इस ऑपरेशन में दुश्मन के कुल 17 सैनिक मारे गए थे और 14 बंकरों को नष्ट किया गया था । दुश्मन की चौकियों से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। आपको बताते चलें कि इस आपरेशन में कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी “महावीर चक्र” से सम्मानित होने वाले सेना आयुध कोर के पहले अधिकारी हैं , इससे पूर्व सेना आयुध कोर के किसी भी अधिकारी को यह सम्मान नहीं मिला है ।

कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी का जन्म 04 जुलाई 1974 को अम्बाला के एक सैनिक परिवार में श्रीमती सुरजीत कौर और लेफ्टीनेंट कर्नल तेज प्रकाश सिंह सूरी के यहाँ हुआ था। उनकी प्रारभिक शिक्षा सेन्ट मैरी स्कूल और केन्द्रीय विद्यालय जम्मू और कश्मीर से हुई। उन्होंने गुरू तेगबहादुर कालेज, दिल्ली से अपनी स्नातक की शिक्षा को पूरी किया। उन्होंने अपने दादा और पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए सेना में जाने का मन बना लिया। उनके दादा गुरबक्स सिंह सेना के सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे । कॅप्टन सूरी ने 07 जून 1977 को सेना की आयुध (आर्डीनेन्स) कोर मे कमीशन लिया। कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी के परिवार में उनके माता पिता और उनके भाई लेफ्टिनेंट कर्नल रणधीर सिंह हैं।

कैप्टन सूरी की वीरता और बलिदान को याद करने के लिए गाजियाबाद में एक पार्क और एक सड़क का नामकरण उनके नाम पर किया गया है । ग्रेटर नोएडा में एक ए डब्लू एच ओ कालोनी का नाम कैप्टन सूरी के नाम पर रखा गया है ।

 

 फोटो कैप्टन गुरजिंदर सिंह सूरी, महावीर चक्र, मरणोपरांत

 

  • Related Posts

    कस्बा खुड़पेंच गंज

    Spread the love

    Spread the love  लेखकः अरुण गुप्ता, पुलिस महा निरीक्षक सेवा निवृत।                      समीक्षा कस्बा खुड़पेंच गंज   कस्बा खुड़पेंच गंज पुस्तक…

    जीवन की सच्चाई

    Spread the love

    Spread the love    काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र, वाराणसी।     जीवन की सच्चाई   सच्चाई की राह यह, करो सत्य से स्नेह। इधर- उधर भटको नही, रहे आत्म…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    कस्बा खुड़पेंच गंज

    • By User
    • July 20, 2025
    • 5 views
    कस्बा खुड़पेंच गंज

    जीवन की सच्चाई

    • By User
    • July 20, 2025
    • 5 views
    जीवन की सच्चाई

    शिवभक्ति, आत्मशुद्धि, अनुशासन और आस्था का प्रतीक बाबा वैद्यनाथ का श्रावणी मेला।

    • By User
    • July 20, 2025
    • 5 views
    शिवभक्ति, आत्मशुद्धि, अनुशासन और आस्था का प्रतीक बाबा वैद्यनाथ का श्रावणी मेला।

    भारत की गूँज

    • By User
    • July 20, 2025
    • 4 views
    भारत की गूँज

    खुशी मुझको भी हो रही है

    • By User
    • July 20, 2025
    • 4 views
    खुशी मुझको भी हो रही है

    24 घंटे में सनसनीखेज हत्याकांड सुलझाया नौ साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसका ही 15 वर्षीय परिचित नाबालिग किशोर निकला।

    • By User
    • July 20, 2025
    • 6 views
    24 घंटे में सनसनीखेज हत्याकांड सुलझाया नौ साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसका ही 15 वर्षीय परिचित नाबालिग किशोर निकला।