ब्यूरो कुमाऊंः दयानन्द कठैत अल्मोड़ा।
बसों की मरम्मत में लापरवाही यात्रियों की जान पर पड़ रही है भारी।
अल्मोड़ाः रोडवेज बसों की मरम्मत में लापरवाही यात्रियों के साथ चालकों और परिचालकों के लिए भी मुसीबत बन रही है। कभी प्रेशर पाइप फटने,कभी ब्रेक काम न करने से यात्रियों की जान खतरे में पड़ रही है। जिला मुख्यालय स्थित बागेश्वर डिपो के बेड़े में 42 बसें हैं, जिसमें बीएस थ्री 22 बसें, बीएस फोर 8 बसें और बीएस सिक्स 12 बसें हैं। हाल में ही डिपो को मिली बीएस सिक्स की नई बसों का संचालन दिल्ली रूट पर किया जा रहा है। इसके अलावा बीएस थ्री और फोर बसों का संचालन हल्द्वानी, टनकपुर समेत अन्य रुटों पर किया जा रहा है। पहाड़ के रूटों पर रोडवेज बसों की अधिकतम आयु सीमा साल निर्धारित की गई है। रोडवेज के अधिकारियों का दावा है कि डिपो में ऐसी कोई बस नहीं है जो आयु सीमा पार कर चुकी है। पर सच्चाई ये है कि कुछ बसों की हालत काफी खराब है। किसी बस में सीटें फटी हुई हैं तो किसी का शीशा टूटा हुआ है या बंद नहीं होता है।