उमंग सिंघार (मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष)
मध्यप्रदेश में सदन से सड़क तक सक्रिय रहा विपक्ष।
देश का हृदय प्रांत मध्यप्रदेश अपने वैभवशाली इतिहास और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस प्रदेश ने देश और दुनिया में अपनी कला, संगीत, साहित्य, वास्तुकला और दर्शन की अमिट छाप छोड़ी है। इसी मध्यप्रदेश ने मुझे कांग्रेस के एक छोटे से कार्यकर्ता से लेकर विधायक और मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने का दायित्व सौंपा है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करते हुए एक साल पूरा किया है। वहीं साल 2024 खत्म कर अब हम साल 2025 में भी प्रवेश कर रहे हैं। हम विगत एक वर्ष में प्रदेश की जनता की आवाज उठाने और उन्हें न्याय दिलाने का जो संकल्प लेकर आगे बढ़े हैं, उसमें प्रदेश की जनता का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस संकल्प में कांग्रेस पार्टी और प्रदेश की जनता के सहयोग ने मुझे और अधिक संबल प्रदान किया है।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि विगत एक वर्ष में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए एवं कांग्रेस पार्टी के समस्त विधायकों के सामूहिक प्रयत्न से हमने प्रदेश के युवा, महिलाओं, दलित, आदिवासी और शोषित-वंचित तबके की समस्याओं और आवाज को सड़क से लेकर सदन तक पुरजोर तरीके से उठाया है। यही नहीं प्रदेश की जनता के कई मुद्दों पर सरकार को कार्य करने पर विवश भी किया है। इसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर आम कार्यकर्ता और कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकगण एकजुट होकर मजबूती से खड़े रहे हैं।
‘केंद्र में युवा, किसान एवं महिलाओं से जुड़े मुद्दे’
विगत एक वर्ष में हमने प्रदेश के भविष्य यानी युवा, अन्नदाता यानी किसान और आधी आबादी यानी महिलाओं के मुद्दों को केंद्र में रखा। सभी को ज्ञात है कि मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं से साल में 2 लाख रोजगार देने का वादा किया था। सरकार ने इस वादे से ना सिर्फ मुंह मोड़ा बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पुलिस जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भर्तियां रोककर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। इस वादाखिलाफी के खिलाफ हमने सड़कों पर प्रदर्शन से लेकर विधानसभा के भीतर तक सरकार को उसकी नाकामी याद दिलाकर नींद से जगाने का प्रयत्न किया। वहीं शिक्षा नीति की कई खामियों को भी सरकार के समक्ष रखा। किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद ना मिलने और फसलों पर एमएसपी के मुद्दों पर विधानसभा के घेराव सहित सदन में भी सरकार को किसानों के दुख दर्द से रूबरू कराने का प्रयास किया। इसी तरह प्रदेश भर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार और लचर कानून व्यवस्था पर मौजूदा सरकार की खामियां उजागर करने का भी हमने सफल प्रयत्न किया है। लाड़ली बहना योजना में पैसा बढ़ाने के सरकार के वादे को याद दिलाना हो या फिर उनके हक की आवाज उठाना हो, हम पुरजोर तरीके से उनकी आवाज उठा रहे हैं।
‘भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त सरकार की विफलता’
मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की बाढ़ आई हुई है। बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। वहीं बीजेपी नेताओं और अफसरों के गठजोड़ ने मध्यप्रदेश को नीलामी के रास्ते पर खड़ा कर दिया है। आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्यवाहियां इसकी पुष्टि कर रही हैं। नल जल योजना में घोटाला हो, सिंचाई परियोजनाओं में फर्जीवाड़ा हो या फिर चेक नाकों पर अवैध वसूली, मंत्री से लेकर अफसर और सिपाही तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वहीं सरकार विभिन्न आयोजनों में फिजूलखर्ची कर, विदेशी दौरों और विज्ञापनों के जरिये इन्हें ढकने का प्रयत्न कर रही है। सरकार की इन कारगुजारियों को जनता के समक्ष लाने और उजागर करने का प्रयास हम पूरी ताकत से कर रहे हैं।
‘सरकारी नीतियां और उनमें पिसता पिछड़ा समाज’
मध्यप्रदेश सरकार की नीतियां आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदाय को हाशिए पर धकेल रही हैं। विकास के नाम पर उनकी जमीनें छीनकर उद्योगपतियों को दी जा रही हैं, साथ ही उसी पर आधारित उनकी आजीविका को भी नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए दिसंबर महीने में हमने सिंगरौली का दौरा कर कोल ब्लॉक के कारण विस्थापितों की समस्याओं और दुख दर्द को करीब से जाना। इन विस्थापितों को उचित मुआवजा और रोजगार देने के लिए ना सिर्फ सदन में आवाज उठाई बल्कि लंबी लड़ाई लड़ने की कार्ययोजना भी बनाई जा रही है। वहीं आदिवासियों और पिछड़ों के बच्चों की छात्रवृत्ति की राशि ना मिलने और उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित करने की नीतियों सहित उनके हो रहे अधिकारों के हनन को लेकर भी हम लगातार आवाज उठा रहे हैं। प्रदेश की जनता की भलाई और उनकी समस्याओं को उठाने का हमारा संकल्प नए वर्ष में भी जारी रहेगा। (विभूति फीचर्स)