ब्यूरो रुद्रप्रयागः लक्ष्मण सिंह नेगी।
ऊखीमठः विगत दिनो केदार घाटी के ऊंचाई वाले इलाको में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के बाद केदार घाटी मेें मौसम सुहावना बना हुआ है। केदार घाटी के निचले इलाको मौसम के अनुकूल झमाझम बारिश होने से प्रकृति मे नव ऊर्जा का संचार होने लगा है। तुंगनाथ घाटी मेें भी मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से नूतन वर्ष के आगमन से लेकर वर्तमान समय तक तुंगनाथ घाटी व पर्यटक स्थल देवरियाताल पर्यटको सैलानियो व प्रकृति प्रेमियों से गुलजार बनी हुई है। बर्फबारी के बाद हिमालयी की चमचमाती स्वेत चादर को अति निकट से निहारने से केदार घाटी पहुंचने वाला पर्यटक अपने को धन्य महसूस कर रहा है। केदार घाटी में मौसम धीरे – धीरे सुहावना होने से विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षियों ने भी केदार घाटी की ओर रूख कर दिया है। पर्यटक व सैलानी तुंगनाथ घाटी के शिखर पर विराजमान चन्द्रशिला के प्राकृतिक सौन्दर्य से भी रूबरू हो रहे है। बता दे कि इन दिनो केदार घाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों मेें मौसम खुशनुमा बना हुआ है तथा विगत दिनो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले भूभाग में झमाझम बारिश होने से प्रकृति मे धीरे – धीरे नव ऊर्जा का संचार होने लगा है। केदार घाटी का हिमालयी भूभाग बर्फबारी से लदक होने के कारण केदार घाटी की सुन्दरता पर चार चांद लगने से केदार घाटी पहुंचने वाले पर्यटक व सैलानी प्रकृति की फिजाओ से अति निकट से रूबरू होने के कारण परम आनन्द की अनुभूति कर रहे। प्रकृति अनमोल खजाने से रूबरू होने के बाद केदार घाटी पहुंचने वाले पर्यटक व सैलानी भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पूजा – अर्चना कर पुण्य अर्जित कर रहे है। नूतन वर्ष के आगमन से लेकर वर्तमान समय तक तुंगनाथ घाटी व देवरियाताल में पर्यटको की आवाजाही होने से तुंगनाथ घाटी व सारी गांव गुलजार बने हुए है। व्यापार संघ अध्यक्ष चोपता भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में निरन्तर पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से सम्पूर्ण तुंगनाथ घाटी मेें रौनक बनी हुई है। बद्री केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि केदार घाटी में इन दिनो मौसम खुशनुमा बना हुआ है तथा प्रकृति मे धीरे – धीरे नव ऊर्जा का संचार होने लगा है । मदमहेश्वर घाटी बुरूवा गांव निवासी मदन भट्ट ने बताया कि विगत दिनो हिमालय क्षेेेेत्रों मेें हुई बर्फबारी व निचले भूभाग मे बारिश होने से प्राकृतिक जल स्रोतो के जल स्तर मे भी वृद्धि देखने को मिल रही है ।