ऊखीमठ: मदमहेश्वर घाटी के ग्रामीणों की अराध्य देवी व प्रकृति की सुरम्य वादियों के मध्य रासी गाँव में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में कल से शुरू होने वाले पौराणिक जागरो के गायन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।

Spread the love

ब्यूरो रुद्रप्रयाग: लक्ष्मण सिंह नेगी

ऊखीमठ: मदमहेश्वर घाटी के ग्रामीणों की अराध्य देवी व प्रकृति की सुरम्य वादियों के मध्य रासी गाँव में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में कल से शुरू होने वाले पौराणिक जागरो के गायन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।

युगों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में सावन मास की संक्रांति को पौराणिक जागरो का शुभारंभ किया जाता है तथा पौराणिक जागरो का गायन प्रतिदिन सांय सात बजे से आठ बजे तक किया जाता है तथा दो माह तक चलने वाले पौराणिक जागरो का समापन आश्विन माह की दो गते को भगवती राकेश्वरी को ब्रह्म कमल अर्पित करने के बाद होता है। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि मंगलवार सांय से भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में पौराणिक जागरो का गायन पौराणिक परम्परा के अनुसार विशेष पूजा – अर्चना व वेद ऋचाओं के साथ शुरू हो जायेगा तथा पौराणिक जागरो के शुभारंभ अवसर पर ग्रामीणों द्वारा भगवती राकेश्वरी सहित पंच नाम देवी – देवताओं का आवाहन कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जायेगी तथा भगवती राकेश्वरी को अनेक प्रकार के भोग अर्पित किये जायेंगे। बद्री केदार मन्दिर समिति पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी के अन्तर्गत सिर्फ राकेश्वरी मन्दिर में ही पौराणिक जागरो की परम्परा जीवित है। शिक्षाविद वी पी भटट् ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में पौराणिक जागरो के गायन से दो माह तक रासी गाँव सहित मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना रहता है। शिक्षाविद रवीन्द्र भटट् ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में पौराणिक जागरो के गायन की परम्परा युगों पूर्व की है तथा ग्रामीणों द्वारा पौराणिक जागरो के गायन की परम्परा का निर्वहन आज भी निस्वार्थ भावना से किया जाता है। युगों से जागर गायन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्ण सिंह पंवार ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के मन्दिर में दो माह तक चलने वाले पौराणिक जागरो के माध्यम से भगवान शंकर, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र, भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं के वर्णन के साथ तैतीस कोटि – देवी – देवताओं का आवाहन किया जाता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य बलवीर भटट् ने बताया कि दो माह तक चलने वाले पौराणिक जागरो के गायन में धीरे – धीरे युवा पीढ़ी भी अपना योगदान देकर भविष्य के लिए परम्परा को जीवित रखने की रूचि रख रही है। तीलू रौतेली पुरुष्कार से सम्मानित जीवन्ती देवी खोयाल ने बताया दो माह तक चलने वाले पौराणिक जागरो के माध्यम से हरि के द्वार हरिद्वार से लेकर चौखम्बा हिमालय तक विराजमान सभी देवी – देवताओं का आवाहन कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जाती है तथा मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना रहता है।

  • Related Posts

    ऊखीमठः मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के प्रथम दिवस में विभिन्न विद्यालयों की जूनियर वर्ग की सांस्कृतिक प्रतियोगिता आयोजित की गई।

    Spread the love

    Spread the loveब्यूरो ऊखीमठः लक्ष्मण सिंह नेगी।                          ऊखीमठः मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के प्रथम दिवस…

    ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।

    Spread the love

    Spread the loveब्यूरो ऊखीमठः लक्ष्मण सिंह नेगी।                ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है ग्राहक की संतुष्टि और भरोसा।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 4 views
    आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है ग्राहक की संतुष्टि और भरोसा।

    इतनी दीवानगी अच्छी नहीं

    • By User
    • December 23, 2024
    • 5 views
    इतनी दीवानगी अच्छी नहीं

    हिंदी महाकुंभ संचालन समिति का गठन।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 8 views
    हिंदी महाकुंभ संचालन समिति का गठन।

    ऊखीमठः मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के प्रथम दिवस में विभिन्न विद्यालयों की जूनियर वर्ग की सांस्कृतिक प्रतियोगिता आयोजित की गई।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 8 views
    ऊखीमठः मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के प्रथम दिवस में विभिन्न विद्यालयों की जूनियर वर्ग की सांस्कृतिक प्रतियोगिता आयोजित की गई।

    क्या हो भविष्य की निवेश रणनीति ?

    • By User
    • December 23, 2024
    • 7 views
    क्या हो भविष्य की निवेश रणनीति ?

    ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।

    • By User
    • December 23, 2024
    • 4 views
    ऊखीमठः केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बर्फबारी होने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाओ के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है।