
संजय एम तराणेकर
(कवि, लेखक व समीक्षक)
इन्दौर, (मध्य प्रदेश)
अजहर हाशमी-सा साहित्यकार चाहिए…!
वे कहते रहें मुझे राम वाला हिंदूस्तान चाहिए,
हमें, अजहर हाशमी-सा साहित्यकार चाहिए।
राजस्थान के झालावाड़ जिले का रहा सपूत,
पिड़ावा से आये संत परम्परा बन वाहक दूत।
भारतीय संस्कृति के अध्येता, ओजस्वी वक्ता,
प्रखर लेखक, जिसे जानता सारा ही जग था।
वे कहते रहें मुझे राम वाला हिंदूस्तान चाहिए,
हमें, अजहर हाशमी-सा साहित्यकार चाहिए।
बेटियां पावन दुआएं हैं दिलाती खूब पहचान,
इस लेखक ने छू लिया था ज़मीं से आसमान।
फिर संस्मरण का संदूक व समीक्षा के सिक्के,
निर्मल वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार हो ही गए पक्के।
वे कहते रहें मुझे राम वाला हिंदूस्तान चाहिए,
हमें, अजहर हाशमी-सा साहित्यकार चाहिए।
समय की पदचाप और परिस्थिति को देखते,
देश के प्रतिष्ठित मंचों पर काव्य पाठ समेटते।
कवि सम्मेलन संचालन में मर्यादा का पालन,
सीमा में रह कवियों को स्नेहभरी डांट चलन।
(संदर्भ-स्मृति शेष अज़हर हाशमी हाल ही में दिवंगत हुए)