गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
शिक्षक एवं साहित्यकार
बारां (राजस्थान)
सुनों अम्बेडकरवादियों, बंटोगे तो कटोगे
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सुनों अम्बेडकरवादियों, बंटोगे तो कटोगे।
एकजुट रहोगे तुम दलित तो, खुशहाल रहोगे।।
लेकिन सँग-सँग तुम सभी, यह भी जरूर कहोगे।
जय जय अम्बेडकर, जय जय अम्बेडकर।—-(2)
सुनों अम्बेडकरवादियों——————-।।
तुमको अधिकार शिक्षा का, जिस संविधान ने दिया है।
उस महान संविधान का सृजन, अम्बेडकर ने किया है।।
शिक्षित बनों, संगठित होकर संघर्ष अगर तुम करोगे।
नहीं होगा तुम पर कोई जुल्म, सम्मान से तुम जीवोगे।।
लेकिन सँग-सँग तुम सभी, यह भी जरूर कहोगे।
जय जय अम्बेडकर, जय जय अम्बेडकर।—-(2)
सुनों अम्बेडकरवादियों——————–।।
जिसने दिलाया तुमको सम्मान, अहसान उसका भूलों नहीं।
उस महापुरुष के अपमान का, एक शब्द भी तुम सुनों नहीं।।
उसके बताये पथ पर अगर, अपने जीवन में चलोगे।
सारी दलित- मानव जाति का, उपकार तुम करोगे।।
लेकिन सँग-सँग तुम सभी, यह भी जरूर कहोगे।
जय जय अम्बेडकर, जय जय अम्बेडकर।—-(2)
सुनों अम्बेडकरवादियों——————–।।
बंटकर रहोगे तुम दलित तो, संविधान बदल जायेगा।
सरकारी नौकरी- चुनावों में, आरक्षण नहीं रह पायेगा।।
जनप्रतिनिधि और मंत्री, कैसे तुम देश में बन पावोगे।
एकजुट होकर ही, सम्मान- संविधान तुम बचा पावोगे।।
लेकिन सँग-सँग तुम सभी, यह भी जरूर कहोगे।
जय जय अम्बेडकर, जय जय अम्बेडकर।—-(2)
सुनों अम्बेडकरवादियों——————–।।