शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा (जी.आजाद)
बारां (राजस्थान)
वर्ष(2025) की सौगात में
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नये वर्ष की सौगात में, करें पेश क्या नजराना हम।
याद रहे कल भी यह आज, लिखें क्या अफसाना हम।।
नये वर्ष की सौगात में——————————-।।
तुमसे मोहब्बत कैसे हुई, मालूम नहीं है हमको यह।
ऐसी क्या है तुझमें कशिश, चाहता है तुमको दिल यह।।
कैसे कहे यह बात तुमसे, ढूंढ रहे हैं बहाना हम।
नये वर्ष की सौगात में————————।।
क्या तुमको हमसे मोहब्बत नहीं, ऐसे तुम ना खामोश रहो।
हमसे तुम बात दिल की कहो, यूँ दूर हमसे तुम ना रहो।।
क्या है पसंद हमसे कहो, करें पेश क्या तराना हम।
नये वर्ष की सौगात में—————————।।
रहे साथ हमारा जीवनभर, मिलते रहें हम हर दिन ऐसे।
यकीन करें हम एक दूजे पे, कल भी रहें हम वफ़ा ऐसे।।
आबाद- खुश सदा तुम रहो, देखते हैं यही सपना हम।
नये वर्ष की सौगात में—————————-।।