मुझे अकेला मत छोड़ो

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किशन लाल शर्मा

 

                   कहानी

 

                 मुझे अकेला मत छोड़ो

 

पृथ्वी से निर्देश मिलते ही उसका मंगलयान वापस लौटने के लिए तैयार था

“बाय,”

मानव उससे बोला

“मेरा वापस पृथ्वी पर लौटने का समय हो गया है।”

“मुझे अकेला छोड़कर।”

मानव की बात सुनकर वह बोली थी।

“मैं तुम्हे अकेला छोड़ना नही चाहता। पर क्या करूँ। विवश हूँ । यह मंगलयान केवल मुझे ही ले जा सकता है।”

मानव को पृथ्वी से मंगलयान से मंगलग्रह पर भेजा गया था। हजारों हजारों मील का लम्बा सफर तय करके यान मंगलग्रह की सतह पर सुरक्षित उतरने में सफल रहा था।मंगल की सतह पर उतरने के बाद यान का दरवाजा खुला और मानव ने लाल ग्रह की सतह पर पहला कदम रखा था।।

आश्चर्यजनक, अद्भुत, अद्वितीय, बेमिसाल, अविस्मरणीय जैसे ही मानव ने लाल ग्रह पर कदम रखा वह खुशी से उछल पड़ा। खुश क्यों नही होता? वह पृथ्वी से मंगलग्रह पर आने वाला पहला इंसान बन गया था। पृथ्वी पर अरबों की आबादी में से यहाँ आने का उसे सौभाग्य मिला था। उसका इतिहास में नाम दर्ज हो गया था। मंगलग्रह पर कदम रखते ही वह अपने मिशन में जुट गया। वह मंगलग्रह पर कुछ प्रयोग करते हुए और नमूने इकट्ठे करते हुए आगे बढ़ रहा था। तभी उसकी नजर एक औरत पर पड़ी।

औरत?

लाल ग्रह निर्जन, वीरान, यहाँ पर धूल भरी आँधी तूफान चलते रहते हैं। पृथ्वी के वैज्ञानिकों का अनुमान था कि वहाँ पर जीवन नहीं है। पर क्या जीवन सम्भव है? क्या जीवन फल फूल सकता है? कुछ वैज्ञानिकों का मत था कि हमारे पूर्वज मंगल ग्रह से आये थे। सबके अलग अलग मत और कल्पनाएं थी।

जिस ग्रह पर जीवन की संभावना नहीं थी, उस ग्रह पर औरत। इसका मतलब साफ था। उसके देश से पहले पृथ्वी के किसी दूसरे देश ने गुपचुप तरीक़े से मंगल मिशन को अंजाम दे दिया था। उस देश ने मानव के आने से पहले ही औरत को इस ग्रह पर भेज दिया था। किस देश से वह औरत आयी है।यह जानने के लिए मानव आगे बढ़ा लेकिन कुछ कदम चलकर ठिठक गया। उस औरत की कद काठी और चेहरा पृथ्वी की औरतों से बिल्कुल मेल नहीं खा रहा था।

कहीं यह किसी दूसरे ग्रह की तो नहीं? उसे देखकर मानव के मन में विचार आया और फिर उसने दूर खड़ी औरत को ध्यान से देखा। वह दूसरे ग्रह की ही थी। और वह डर गया। वह औरत उसे अपना प्रतिद्वंदी या दुश्मन समझकर नुकसान पहुंचा सकती हैं।

और वह जहाँ का तहाँ खड़ा रह गया।

शायद ऐसा ही विचार उस औरत के मन में भी आया था।और उसके कदम भी रुक गए। काफी देर तक वे दूर खड़े एक दूसरे को देखते रहे। वे दूर से ही एक दूसरे को इशारा भी करते रहे। कुछ देर बाद जब दोनों को विश्वास हो गया कि वे एक दूसरे को नुकसान नहीं करेंगे। तब वे पास आये। दो अलग अलग ग्रह के प्राणियों की मुलाकात तीसरे ग्रह पर हो रही थी। अभिवादन के बाद बातचीत शुरू की लेकिन

दो अलग ग्रह के प्राणी अलग अलग भाषा और वे एक दूसरे की बात नहीं समझ सके तब उन्होंने सांकेतिक और इशारों में बात शुरू की।

तुम कब आयी?

मानव ने उससे पूछा था।

तुम्हारे आने से कुछ घण्टे पहले।

उसने उत्तर दिया।

मेरा मिशन 24 घण्टे का है,24 घण्टे बाद मेरा यान मुझे वापस ले जाएगा,और तुम्हारा?

मानव ने पूछा।

मेरा मिशन भी 24 घण्टे का है पर मैं शायद ही लौट पाऊं।

क्यों?

मानव आश्चर्य से बोला

वह औरत, मानव का हाथ पकड़कर अपने यान के पास ले गयी और इशारों में बताया जब उसका यान उतरा तब लालग्रह पर तूफान आया था। यान दुर्घटना ग्रस्त हो गया और ग्रह से सम्पर्क टूट गया लेकिन वह बच गयी।

मानव अफसोस जताते हुए बोला- मैं देखता हूँ।

मानव उसके विमान को चेक करके बोला। यह तो पूरी तरह खराब हो गया है।

और फिर मानव अपने मिशन में जुट गया। वह औरत भी साथ देने लगीं।

लालग्रह पर ऊंचे पहाड़ों, पथरीली जमीन, रेत सब कुछ था।लेकिन जीवन का चिन्ह कहीं नजर नहीं आया। हो सकता था उसका यान निर्जन जगह में उतरा हो। क्या मंगल पूरी तरह पृथ्वी जैसा है? यह तो पूरा ग्रह घूमने पर ही पता चलता पर जीवन पनपने की पूरी संभावना थी।

मंगल ग्रह की तरफ यान से आते समय मानव सोच रहा था।दूर सदूर में निर्जन ग्रह पर वीरानी में 24 घण्टे कैसे गुजरेंगे।लेकिन यहाँ आने पर शनिग्रह की औरत का ऐसा साथ मिला कि पता ही नहीं चला कब 24 घण्टे गुजर गए और उसके सहयोग से सारे काम भी निपटा लिए।

तुम जानते हो मेरा यान नष्ट हो चुका है,न जाने कितने सालों के अथक प्रयास के बाद हमारे वैज्ञानिक मुझे शनि से यहाँ भेजने में सफल हुए। पर अब यह मिशन फेल हो गया है । मुझे खोजने के लिये दूसरा यान भेजा जाएगा जो न जाने कब आए।

तुम सही कह रही हो। दूसरा यान न जाने कब आएगा।

मानव बोला था।

मुझे यहाँ अकेला मत छोड़ो।

उस औरत की बात को नजरअंदाज करते हुए मानव ने अपने कदम यान में रख दिये

मैं वीरान,निर्जन ग्रह पर अकेली कैसे रहूंगी। तुम मत जाओ।हम यहाँ नई दुनिया बसायेंगे।

हाथ जोड़कर कातर नजर से उसने मानव को देखा था।

उस औरत की नजर देखकर मानव के मन में उथल पुथल मच गई। एक तरफ उसका मिशन था दूसरी तरफ उस औरत की याचना।

मंगलयान का दरवाजा बंद होने से पहले मानव यान से कूद गया।

मानव ने उस औरत का हाथ थाम लिया वे दोनों यान को जाते हुए देख रहे थे।   (विनायक फीचर्स)

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