ब्यूरो रुद्रप्रयागः लक्ष्मण सिंह नेगी।
ऊखीमठः केदार घाटी में एक बार फिर मौसम ने करवट बदल ली है। केदार घाटी के अधिकांश भूभाग में बादल छाने व सर्द हवाओं के चलने से सम्पूर्ण केदार घाटी शीतलहर की चपेट में आ गयी है तथा सम्पूर्ण केदार घाटी के शीतलहर की चपेट में आने तथा तापमान में भारी गिरावट महसूस होने के साथ जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है। मुख्य बाजारों में लोग अलाव के सहारे दिन गुजारने के लिए विवश बने हुए है। आने वाले कुछ घन्टों मेें यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो मे जमकर बर्फबारी होने की सम्भावना बनी हुई है। बता दे कि केदार घाटी में सोमवार सुबह मौसम ने अचानक करवट बदल दी, केदार घाटी के हिमालयी क्षेत्रो में बादल छाने व निचले हिस्सों मे सर्द हवाओ के चलने से तापमान मे भारी गिरावट महसूस होने लगी है तथा जनजीवन आसा प्रभावित हो गया है तापमान मे भारी गिरावट आने से ग्रामीण घरों में कैद होने के लिए विवश बने हुए है जिस कारण मुख्य बाजारों मेें सन्नाटा पसरने लगा है। मुख्य बाजारों में लोग अलाव के सहारे दिन गुजार रहे है तथा सीमान्त गांवो मे पशु पालको के सन्मुख चारे – पत्ती का संकट बना हुआ है।
आने वाले कुछ घन्टो में मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का आगाज होने के साथ वासुकीताल, केदारनाथ, मनणामाई तीर्थ, मदमहेश्वर, पाण्डवसेरा, नन्दीकुण्ड, विसुणीताल, तुंगनाथ, पर्यटक स्थल देवरियाताल, चोपता, कार्तिक स्वामी का भूभाग एक बार फिर बर्फबारी लदक हो सकता है। पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत ने बताया कि केदार घाटी के शीतलहर की चपेट में आने के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है। मदमहेश्वर घाटी बुरूवा निवासी रामकृष्ण रावत ने बताया कि आने वाले कुछ घन्टो में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो हिमालयी क्षेत्रो में जमकर बर्फबारी होने की सम्भावना बनी हुई है। राऊलैंक निवासी दलीप रावत ने बताया कि यदि मौसम के अनुकूल हिमालयी भूभाग में बर्फबारी व निचले हिस्सो में बारिश होती है तो काश्तकारों की फसलो के साथ प्रकृति के लिए बारिश वरदान साबित सकती है।