
प्रियंका सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)
सरस्वती वंदना
माँ वीणा वादिनी मधुर स्वर दो,
हर जिह्वा वैभवयुक्त कर दो।
मन सारे स्नेहमय हो जाए,
ऐसे गुणों का अमृत भर दो॥
माँ वीणा की झंकार भर दो,
जीवन में नवल संचार कर दो।
हर डाली खुशबुमय हो जाए,
ऐसे सब गुलजार कर दो॥
अंतस तम को दूर कर दो,
अंधकार को नूर कर दो।
मन से मन का हो मिलन,
भेद सारे चूर कर दो॥
गान कर माँ रागिनी का,
भान कर माँ वादिनी का।
पूरी हो सब कामनाएँ,
दो सुर माँ रागिनी का॥